Sahara India: सहारा ग्रुप में अभी भी फंसा है पैसा? सरकार ने दी खुशखबरी; अब झट से निकलेगी रकम
CRCS Sahara Refund Portal: सहारा ग्रुप ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज के 4 लाख से ज्यादा निवेशकों को 370 करोड़ रुपये वापस कर दिये गए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि आने वाले 10 दिन में 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान निवेशकों को किया जाएगा.
Sahara India Investors: अगर आपका पैसा भी सहारा इंडिया में अभी तक फंसा हुआ है तो यह खबर आपको जरूर राहत देगी. पिछले दिनों सरकार की तरफ से सहारा निवेशकों का पैसा वापस कराने के लिए शुरू की गई प्रक्रिया अब रंग ला रही है. पहले सरकार ने इसके लिए 10000 रुपये तक की जमा राशि को वापसी करने की प्रक्रिया शुरू की थी. इसे अब बढ़ाकर 50000 रुपये कर दिया गया है. पहले सरकार की तरफ से सहारा ग्रुप कोऑपरेटिव सोसाइटीज के छोटे जमाकर्ताओं के लिए वापसी की लिमिट 10,000 रुपये तय की गई थी.
सरकार ने अब तक 370 करोड़ का रिफंड जारी किया
सहकारिता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने अब तक सहारा ग्रुप ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज के 4.29 लाख से ज्यादा जमाकर्ताओं को सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल के जरिये 370 करोड़ रुपये जारी किये हैं. उन्होंने बताया कि रिफंड लिमिट को बढ़ाकर 50,000 रुपये करने से आने वाले 10 दिन में करीब 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान निवेशकों को किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते छोटे जमाकर्ताओं के लिए ‘रिफंड’ की लिमिट को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया था.
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इन चार सोसाइटी में जमा था निवेशकों का पैसा
सरकार ‘रिफंड’ देने से पहले पैसा जमा करने वालों के दावों की पूरी तरह जांच कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सहारा ग्रुप की चार अलग-अलग राज्य सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं की जमा राशि की वापसी के दावे प्रस्तुत करने के लिए सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल 18 जुलाई, 2023 को पेश किया था. इन समितियां में सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद हैं.
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अदालत के 29 मार्च, 2023 के आदेश के तहत 19 मई, 2023 को सेबी-सहारा रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये की राशि केंद्रीय सहकारी समितियों के पंजीयक (CRCS) को ट्रांसफर की गई थी. शीर्ष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी डिजिटल तरीके से पैसे के डिस्ट्रीब्यूशन के मामले की देख-रेख कर रहे हैं.