PF Interest Rate: पीएफ अकाउंट में जमा पैसे पर अभी सरकार की तरफ से 8.25 प्रतिशत सालाना का ब्याज दिया जा रहा है. नई सुविधा के तहत अब छह महीने की नौकरी करने वाले भी अपने अकाउंट में जमा पैसे को निकाल सकेंगे.
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EPFO Withdrawal Limit: अगर आप भी ईपीएफओ (EPFO) सब्सक्राइबर हैं तो यह खबर आपको खुश कर देगी. जी हां, अब आप अपनी जरूरत के समय पीएफ अकाउंट से एक बार में एक लाख रुपये तक निकाल सकते हैं. पहले यह लिमिट 50,000 रुपये की थी. लेबर मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने इस बारे में जानकारी दी. लेबर मिनिस्टर ने बताया कि श्रम मंत्रालय ने EPFO को लेकर कई तरह के बदलाव किये हैं. ये बदलाव ईपीएफओ मेंबर की सुविधा को ध्यान में रखकर किये गए हैं. नए नियम के अनुसार अब नौकरी में छह महीने पूरे नहीं करने वाले भी अपना पैसा निकाल सकेंगे. पहले इस तरह का पैसा निकालने पर पाबंदी थी. सरकार के इस कदम का फायदा करीब सात करोड़ सब्सक्राइबर्स को मिलेगा.
बढ़ती महंगाई के बीच खर्च बढ़ने पर बढ़ाई लिमिट
मंडाविया ने मोदी सरकार 3.0 के 100 दिन पूरे होने पर कहा कि लोग अक्सर शादी में जरूरत और मेडिकल ट्रीटमेंट के खर्च के लिए EPFO अकाउंट की तरफ रुख करते हैं. अब ऐसी किसी भी जरूरत में आप एक बार में एक लाख रुपये तक निकाल सकते हैं. नई लिमिट को अपडेट करने के पीछे बढ़ती महंगाई में खर्चों का बढ़ना है. प्रॉविडेंट फंड के तहत संगठित क्षेत्र में काम करने वाले एक करोड़ से ज्यादा रिटायर कर्मचारियों को रेगुलर इनकम की सुविधा मिलती है. EPFO की तरफ से FY24 के लिए 8.25% ब्याज की पेशकश की गई है.
17 कंपनियों के पास 1000 करोड़ से ज्यादा का फंड
एक अन्य बदलाव में सरकार ने EPFO का हिस्सा नहीं होने वाले संगठनों को राज्य की तरफ से संचालित रिटायरमेंट फंड मैनेजर पर स्विच करने से छूट दी है. कुछ बिजनेस खुद की प्राइवेट रिटायरमेंट स्कीम चलाने की अनुमति देते हैं. ऐसी 17 कंपनियां हैं जिनके पास कुल 100,000 कर्मचारी और 1000 करोड़ से ज्यादा का फंड है. यदि वे अपने फंड के बजाय EPFO में स्विच करना चाहती हैं तो वे बदलाव कर सकती हैं.
15000 रुपये की सैलरी लिमिट बढ़ाने पर चल रहा काम
एक अधिकारी ने बताया कि आदित्य बिड़ला लिमिटेड जैसी फर्मों ने इस तरह की व्यवस्था के लिए सरकार से संपर्क किया है. इसके बाद सरकार ने अपनी नीति में बदलाव किया. मंत्री ने बताया कि सरकार सैलरीड क्लॉस कर्मचारियों के लिए 15,000 रुपये की आमदनी की लिमिट को बढ़ाने की योजना पर काम कर रही थी. इसके तहत पीएफ योगदान को अनिवार्य बनाया जाता है. इसके अलावा सरकार की तरफ से कर्मचारी राज्य बीमा (ESIC) के लिए लागू 21,000 रुपये की आमदनी वाली लिमिट को भी बढ़ाया जाएगा.
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मंडाविया ने बताया कि 15,000 रुपये से ज्यादा कमाने वाले कर्मचारियों के पास यह फ्लेक्सीबिलिटी होगी कि वे अपनी आमदनी का कितना हिस्सा रिटायरमेंट बेनिफिट और पेंशन के लिए बचाना चाहते हैं. ईपीएफओ के नियम के अनुसार कर्मचारी की सैलरी का कम से कम 12% भविष्य निधि के रूप में बचाया जाना जरूरी है. इसके अलावा एम्पलायर की तरफ से 12 प्रतिशत का योगदान पीएफ अकाउंट में किया जाता है.