रेमडेसिविर की हो रही है कालाबाजारी, अब सरकार उठा सकती है ये बड़ा कदम
जानकारों का कहना है कि फिलहाल भारत में हेटेरो लैब्स और सिप्ला ही रेमडेसिविर (Remdesivir) की दवा सप्लाई कर रहे हैं. ज्यादातर मेडिकल स्टोर (Medical Stores) में ये दवा उपलब्ध नहीं है. ब्लैक मार्केट में 10 गुना ज्यादा कीमत में बिक रही है दवा.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए फिलहाल रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा ही मददगार साबित हो रही है. लेकिन इस दवा की भी कालाबाजारी शुरू हो गई है. ऐसे में इस दवा की कीमतें सरकार के लिए एक सिरदर्द बनी हुई है. रेमडेसिविर की कालाबाजारी (Black Marketing) रोकने के लिए अब सरकार ने कड़े कदम उठाने जा रही है.
दाम घटाने की एडवायजरी हो सकती है जारी
सूत्रों का कहना है कि दवा के कीमतों पर निगरानी रखने वाली संस्था नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) रेमडेसिविर के ऑर्डर के बदले कंपनियों को दाम घटाने की एडवायजरी जारी कर सकती है. सूत्रों का कहना है कि इस दवा की कीमतों को कम करने से मार्केट में सप्लाई को बढ़ाया जा सकेगा.
रेमडेसिविर के मूल्य नितंत्रण की संभावना कम
केंद्र सरकार देश में महामारी फैलने की स्थिति में मेडिकल इमरजेंसी के तहत किसी भी दवा की कीमतों को निंयत्रित कर सकती है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि फिलहाल रेमडेसिविर को जीवनरक्षक दवाओं की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा. सरकार को डर है कि इस दवा की कीमतों को नियंत्रित करने पर मार्केट में दवा की सप्लाई कम हो सकती है.
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ब्लैक मार्केट में 10 गुना ज्यादा कीमत में बिक रही है ये दवा
जानकारों का कहना है कि फिलहाल भारत में हेटेरो लैब्स और सिप्ला ही रेमडेसिविर की दवा सप्लाई कर रहे हैं. ज्यादातर मेडिकल स्टोर में ये दवा उपलब्ध नहीं है. सूत्रों का कहना है कि ये दवा ब्लैक मार्केट में 10 गुना ज्यादा कीमत में बिक रही है.