नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने टैक्स सिस्टम को पारदर्शी बनाने के लिए टैक्सपेयर चार्टर का ऐलान किया. इसके लिए उन्होंने 'पारदर्शी कराधान-ईमानदार का सम्मान' मंच की शुरुआत की. इनकम टैक्सपेयर्स के लिए इसमें कई तरह की सुविधाओं को ऐलान किया गया जिससे टैक्स कंप्लायंस को आसान और पारदर्शी बनाया जा सके. लेकिन अगर आपको लगता है कि टैक्सपेयर्स सुविधाएं लेकर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गया है तो जरा संभल जाइए.


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इस टैक्स क्रांति के साथ साथ टैक्सपेयर्स पर भी जिम्मेदारी डाली गई है कि वो भी पूरी ईमानदारी के साथ अपना टैक्स चुकाएं, सारी जानकारियां टैक्स विभाग के साथ साझा करें. टैक्सपेयर्स खर्चों में हेरफेर न करें और टैक्स चोरी के रास्ते न अपनाएं, इसका इंतजाम भी सरकार ने कर लिया है. इसके लिए सरकार ने बाकायदा एक नियमावली तैयार की है. जिसे जानना बेहद जरूरी है. Expansion of scope od Reporting of transaction के नाम से इसे जारी किया गया है. इसमें आप जो भी बड़ी ट्रांजैक्शन, खरीदारी या यात्रा करेंगे वो आपके इनकम टैक्स के फॉर्म 26AS में दिखेगा. आप इसे सिर्फ 12 प्वाइंट्स में समझिए कि नए टैक्स सिस्टम में आपके लिए क्या होने वाला है.


1- अगर टैक्सपेयर साल में एक लाख रुपये या इससे ज्यादा स्कूल की फीस या डोनेशन दिया होगा तो सरकार को इसकी जानकारी होगी
2- अगर आपका बिजली का बिल एक लाख रुपये से ज्यादा आता है तो वो भी फॉर्म 26AS में दिखेगा. 
3- अगर आप घरेलू या अंतर्राष्ट्रीय यात्राएं कर ररे हैं हैं तो इसकी जानकारी भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की होगी
4- अगर आप होटल्स में रुकते हैं और इसके लिए 20 हजार रुपये से ज्यादा खर्च करते हैं, तो भी आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर में आ जाएंगे
5- अगर आप साल में एक लाख रुपये से ज्यादा का खर्च ज्वेलरी, वॉशिंग मशीन, फ्रिज, पेंटिंग, मार्बल वगैरह पर करते हैं तो थोड़ा संभल जाइए, क्योंकि ये सबकुछ सरकार को पता हो जाएगा
6- करेंट अकाउंट में 50 लाख से ज्यादा लेन-देन होता है तो इसकी भी रिपोर्टिंग 26AS में होगी 
7- नॉन करेंट अकाउंट में 25 लाख से ज्यादा के लेन-देन पर भी इनकम टैक्स विभाग की नजर होगी
8- सालाना 20 हजार रुपये प्रॉपर्टी टैक्स भरने वालों के लिए संभलकर रहने की जरूरत है, क्योंकि ये सारी जानकारी सरकार के पास होगी.
9- लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम 50 हजार से ज्यादा और हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम 20 हजार से ज्यादा होने पर ये फॉर्म 26AS में दिखेगा 
10- डीमैट अकाउंट, शेयर लेन-देन, बैंक लॉकर्स के बारे में भी अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को पता होगा
11- अगर कोई व्यक्ति बैंक से 30 लाख रुपये का लेन-देन करता है तो उसे टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा, भले ही ये लेन-देन रिपोर्ट हुई हो या नहीं
12- सभी प्रोफेशनल्स, बिजनेसमैन, जिनका टर्नओवर 50 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें भी रिटर्न फाइल करना जरूरी होगा


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हालांकि इनमें से कई सारी चीजों का जिक्र आम बजट में भी हो चुका है, लेकिन औपचारिक रूप से इसकी घोषणा अब हुई है. पहले ये सारी शर्तें और सख्ती सिर्फ बैंकों, कंपनियों और कारोबारियों तक ही सीमित थीं. लेकिन अब देश का हर नागरिक इसके रडार पर आ गया है.