EMI Calculator: महंगाई जिस तरह अपने चरम पर है. ऐसे में लोग घर खरीदने से लेकर बेटी की शादी करनी तक में लोन का सहारा लेते हैं. लेकिन कई बार बिना सोचे समझे लिया गया लोन या क्रेडिट कार्ड का बिल आपको कर्ज के जाल में फंसा देता है. आज हम आपको ऐसे कुछ टिप्स के बारे में बताएंगे जिसकी मदद से आपको कर्ज के भंवर से निकलने में आसानी हो सकती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जरूरत के हिसाब से लोन लें


जब आप लोन लेते हैं तो बैंक या एजेंट की ओर से आपको कई तरह की स्कीम के बारे में बताया जाता है. इसमें एक स्कीम यह भी है कि अगर आप ज्यादा लोन कराएंगे तो ब्याज दर कम लगेगा, ज्यादा समय के लिए लोन कराया तो ब्याज कम लगेगा. लेकिन आप यह सुनिश्चित करें कि जितनी जरूरत हो उतना ही लोन लें. अगर आप पहले से ही किसी लोन का ईएमआई भर रहे हैं तो एक और लोन लेने से बचें.


ये भी पढ़ें: 20 और 30 साल बाद 1 लाख रुपये की कितनी होगी वैल्यू? जानकर नहीं होगा विश्वास!


आमदनी, कर्ज और बचत सेट करें


अगर आपने एक से ज्यादा लोन लिया है तो सबसे पहले आप आमदनी, खर्च, कर्ज व बचत को सेट करें. इससे आपको खर्च लिमिट तय करने और पैसे खर्च करने को लेकर प्लान बनाने में मदद मिलेगी. आप उतना ही खर्च करें जितना रुपया आपका सरप्लस में हो. 


आप इस लिस्ट को तैयार करने में यह भी दर्ज करें कि किस लोन पर कितना ब्याज लग रहा है. जैसे होम लोन पर पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड से कम ब्याज लगता है. इसलिए पहला फोकस यह करें कि ज्यादा ब्याज वाले लोन को जल्द से जल्द निपटाया जाए.


ईएमआई के बोझ से बचने के लिए आप प्री-पेमेंट यानी समय से पहले भुगतान का विकल्प भी चुन सकते हैं. आप अपनी बचत बढ़ाकर सालाना 10 प्रतिशत ईएमआई बढ़ा सकते हैं. इससे आप 65 प्रतिशत तक ब्याज बचा सकते हैं. 


ये भी पढ़ें: कौन हैं दिल्ली के बिजनेसमैन जिनकी कंपनी ने अंबानी-अडानी को भी पछाड़ा


री-फाइनेंस का अपना सकते हैं तरीका


EMI के बोझ को कम करने के लिए आप री-फाइनेंस का तरीका भी अपना सकते हैं. इसके तहत आप महंगे लोन को सस्ती दरों में कन्वर्ट करा सकते हैं. जैसे अगर आपने पर्सनल या क्रेडिट कार्ड से लोन ले रखा है ता आप होम लोन लेकर उस लोन को खत्म करा सकते हैं. क्योंकि होम लोन पर ब्याज दरें कम होती हैं.