Russia Crude Oil: भारत तेल की अपनी खपत का अधिकांश हिस्सा आयात करता है, भारत कच्चे तेल के लिए आयात पर निर्भर है. रूस, ईराक, सऊदी अरब जैसे देशों से भारत कच्चा तेल खरीदता है. रूस से तेल के आयातक के तौर पर भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है. रूस से कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक अब भारत बन गया है. रूस पर पश्चिमी देशों के लगे प्रतिबंधों के बीच सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल की खरीदारी कर भारत ने अपनी दोस्ती साबित की है. भारत ने रूसी तेल के सबसे बड़े आयातक के रूप में चीन को पीछे छोड़ दिया. भारत ने जुलाई महीने में हर रोज रूस से 2.07 मिलियन बैरल कच्चा तेल खरीदा. वहीं चीन ने 1.76 मिलियन बैरल कच्चा तेल हर दिन आयात किया.  


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भारत से पिछड़ गया चीन 


 व्यापार और इंडस्ट्री सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद रूस पर लगे प्रतिबंधों के बीच भारत का आयात बढ़ा है.  रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में भारत ने रूस से कच्चे तेल के आयात का रिकॉर्ड तोड़ दिया. भारत ने जुलाई में रूस से 2.07 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी)  कच्चा तेल खरीदा, जबकि चीन ने1.76 मिलियन बीपीडी खरीदा.
 
अमेरिका को दरकिनार, भारत ने किया कारोबार  


यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे हैं. पश्चिमी देशों ने रूस से व्यापार बंद रखा है. अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद भारत और चीन रूस से सस्ते दामों पर तेल की खरीदते रहे हैं. बीते दो सालों में भारत और चीन रूस से कच्चे तेल के सबसे बड़ी खरीदार रहे हैं. रूस से भारत के तेल खरीद का अमेरिका ने शुरू से विरोध करता रहा है, लेकिन अमेरिका के विरोध को नजरअंदाज कर भारत ने रूस से तेल की खरीद जारी रखी. ऐसे में माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आने बाद अमेरिका एक बार फिर उबल जाएगा.  


क्यों पिछड़ गया चीन  


 आंकड़ों के मुताबिक बीते महीने भारत के कुल तेल आयात में रूसी तेल की हिस्सेदारी 44% रही, जो जून की तुलना में  4.2% अधिक और एक साल पहले की तुलना में 12% अधिक है.  वहीं पिछले साल के मुकाबले रूसी तेल का आयात 12 फीसदी बढ़ा. जबकि दुनिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक चीन ने बीते साल 7.4 पीसदी कम तेल खरीदा. ईंधन की मांग में कमी, रिफाइनरियों के बीच रिफाइन मार्जिन में कमी जैसे कई कारणों के चलते चीन का आयात कम हुआ.  


रूस से तेल खरीदकर भारत ने की कितनी बचत


पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का भारत ने खूब फायदा उठाया. यूक्रून से यु्द्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए, ऐसे में रूस के पास खरीदारों की भारी कमी हो गई थी. रूस से डिस्काउंट रेट्स पर कच्चा तेल बेचने की बात कही तो भारत ने भी इस मौके का पूरा फायदा उठाया.  भारतीय रिफाइनरी ने छूट पर मिल रही रूसी तेलों की बढ़चढ़ कर खरीदारी की. रूस से सस्ता तेल खरीदकर भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 के पहले 11 महीनों में आयात बिल में लगभग 7.9 बिलियन डॉलर की बचत की है.  रूस के बाद इराक भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है. इसके बाद तीसरे नंबर पर  सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात  है.