नई दिल्ली: भारत अभी विश्व की सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था है. यह फिलहाल 7 फीसदी की रफ्तार से विकास कर रही है. नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अमिताभ कांत ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था इससे कहीं तेज 9-10 फीसदी की रफ्तार से विकास कर सकती है, अगर कृषि के क्षेत्र में क्रांति लाने में हम कामयाबी हासिल कर लेते हैं. पिछले दिनों उन्होंने यह भी कहा था कि E-Commerce बाजार को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं. भारत बहुत बड़ा बाजार है. ऐसे में इस दिशा में सही कदम उठाने का फायदा हमें जरूर मिलेगा.


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महिंद्रा समृद्धि एग्री अवॉर्ड कार्यक्रम में बोलते हुए अमिताभ कांत ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में ज्यादा निवेश की जरूरत है. तकनीक का इस्तेमाल कर कृषि के क्षेत्र में क्रांति लाई जा सकती है. साथ ही कृषि बाजार में भी बदलाव की जरूरत है.



उन्होंने कहा कि वैसे तो कृषि संबंधी कामों की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है और इसमें केंद्र सरकार का रोल बहुत कम रहता है. इस बात को हम नहीं नजरअंदाज कर सकते हैं कि देश की आधी आबादी के लिए आजीविका का मुख्य साधन कृषि ही है. अगर 2050 तक हम 10 फीसदी की रफ्तार से विकास करना चाहते हैं तो कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इसके बिना यह सपना संभव नहीं हो सकता है.


नीति आयोग ने कहा, E-Commerce से रीटेल में आई क्रांति और GDP पर सकारात्मक असर


कांत ने किसानों को भरोसा दिलाया कि 2022 तक उनकी आमदनी जरूर दोगुनी हो जाएगी. हरित क्रांति के बाद देश में दूसरे कृषि क्रांति की जरूरत है. यह क्रांति तकनीकि और मार्केटिंग की मदद से संभव है.