नीति आयोग ने कहा, E-Commerce से रीटेल में आई क्रांति और GDP पर सकारात्मक असर
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नीति आयोग ने कहा, E-Commerce से रीटेल में आई क्रांति और GDP पर सकारात्मक असर

नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने कहा कि E-Commerce बाजार ने देश के खुदरा क्षेत्र में क्रांति ला दी है और अब इसे कोई नहीं रोक सकता.

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अमिताभ कांत. (फाइल)

नई दिल्ली: नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि E-Commerce ने देश में खुदरा क्षेत्र में क्रांति ला दी है और आने वाले समय में देश की वृद्धि में इसकी बड़ी भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि देश के खुदरा बाजार से अगर वृद्धि को गति मिलती है, देश का सकल घरेलू उत्पाद भी बढ़ेगा और इसके परिणामस्वरूप रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे. कांत ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘E-Commerce बाजार ने देश के खुदरा क्षेत्र में क्रांति ला दी है और अब इसे कोई नहीं रोक सकता.’’ 

नीति आयोग के सीईओ के अनुसार देश की वृद्धि दर फिलहाल 7 प्रतिशत से ऊंची है और अगर देश को 9 प्रतिशत की दर से वृद्धि करनी है तो E-Commerce बाजार को बड़ी भूमिका निभानी होगी. हाल ही में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने देश के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 7 प्रतिशत कर दिया है जो पहले 7.2 प्रतिशत था. 

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डेलायट इंडिया तथा रिटेल एसोसिएशन आफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार संगठित खुदरा क्षेत्र में अच्छी वृद्धि से भारत का E-Commerce बाजार 2021 तक 84 अरब डालर का हो जाएगा जो 2017 में 24 अरब डालर था. कांत ने कहा कि उपभोक्ता के व्यवहार में बदलाव आने के बावजूद देश में परंपरागत और आधुनिक खुदरा बाजार (E-Commerce) दोनों ही देश में बने रहेंगे. 

कार्यक्रम में खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि आनलाइन कारोबार से जुड़ी कंपनियां बाजार खराब करने वाली कीमत, बड़े स्तर दी जा रही छूट जैसे कदमों से ई- वाणिज्य बाजार को नुकसान पहुंचा रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को E-Commerce के लिये नियामकीय प्राधिकरण गठित करना चाहिए तथा E-Commerce के लिये डिलीवरी के बाद भुगतान की व्यवस्था पर पाबंदी होनी चाहिए.’’

(इनपुट-भाषा)

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