नई दिल्ली: रेलवे ने नये साल का सफर यात्रियों के लिए महंगा कर दिया है. रेल मंत्रालय ने मंगलवार को यात्री किराए में प्रति किलोमीटर 1 से 4 पैसे तक की अधिकतम बढ़ोतरी कर दी है. बढ़ी हुई दरें आज आधी रात यानी 01 जनवरी 2020 से लागू हो जाएंगी. लंबी दूरी की यात्रा करने वाले मुसाफिरों पर बढ़े हुए किराए का असर पड़ेगा.


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रेल मंत्रालय के मुताबिक, सामान्य ट्रेनों में एक पैसे प्रति किलोमीटर की बढोत्तरी की है जबकि मेल और एक्सप्रेस गाड़ियों में स्लीपर क्लास में दो पैसे प्रति किलोमीटर बेसिक किराया बढ़ाया गया है. वहीं एसी की सभी क्लास में यह बढ़ोतरी चार पैसे प्रति किलोमीटर की है. हालांकि रेल किराया बढ़ोतरी में लोकल और सबअर्बन (उपनगरीय) ट्रेनों को शामिल नहीं किया गया है. इन ट्रेनों में किराया पहले की तरह ही रहेगा.


इसको यदि आप सीधे शब्दों में समझें तो आपको यदि 100 किलोमीटर की रेल यात्रा करनी है तो सामान्य ट्रेनों में दूसरे क्लास में एक रुपये और स्लीपर में 2 रुपये, जबकि एसी क्लास में सभी श्रेणियों में 4 रुपये ज्यादा देने पड़ेंगे. अब रेलवे में लंबी दूरी की यात्रा करने वालों पर बड़ा असर पड़ेगा.


सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट सरचार्ज आदि में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. साथ ही 1 जनवरी 2020 से पहले बुक किए गए टिकटों पर किराए का अंतर यात्रियों से नहीं लिया जाएगा.


इसमें यह भी कहा गया है कि राजधानी, शताब्दी, हमसफर, वंदे भारत, दुरंतो, राज्य रानी, महानमा, गतिमान, गरीबरथ, जन शताब्दी, युवा और सुविधा एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों के किराए को भी अधिसूचित किराया तालिका के अनुसार उपरोक्त प्रस्तावित वृद्धि की सीमा तक


 



समझें- किराया बढ़ोतरी का गणित
इसको ऐसे समझें कि यदि आपको दिल्ली से भोपाल तक यानी तकरीबन 700 किलोमीटर की यात्रा करनी है तो स्लीपर में आपको अब 14 रुपये जबकि एसी क्लास में 28 रुपये ज्यादा किराया देने होंगे. स्लीपर क्लास में यात्री किराए में वृद्धि का मतलब है कि नई दिल्ली से पटना तक की 997 किलोमीटर की दूरी के लिए यात्रियों को अब प्रति टिकट लगभग 20 रुपये का अतरिक्त भुगतान करना होगा. एसी कोचों के लिए यात्रियों को समान दूरी के लिए 40 रुपये अधिक चुकाने होंगे. जाहिर तौर पर लंबी दूरी के यात्रियों पर रेल किराया बढ़ोतरी की मार ज्यादा होगी.  


बढ़ोतरी बेहद जरूरी हो गई थी
ज़ी न्यूज़ ने आपको पिछले सप्ताह ही ये ख़बर दी थी कि रेल मंत्रालय किराये में बढ़ोतरी करने जा रहा है और साल 2020  की शुरुआत से इसको लागू किया जा सकता है. रेल मंत्रालय ने किराया बढाने के पीछे अपनी तरह तरह की दलील दी है. मंत्रालय का कहना है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद रेल मंत्रालय पर वित्तीय बोझ बहुत बढ़ गया था, लिहाजा किराये में बढ़ोतरी बेहद जरूरी हो गई थी. बता दें रेलवे में 13 लाख कर्मचारी काम करते हैं.


किराया बढ़ाने के पीछे रेलवे की दलील
किराया बढ़ाने के पीछे रेलवे की दलील ये भी है कि पहले से ही रेलवे में यात्री ट्रेनों का परिचालन खर्च बहुत ज्यादा है और रेलवे को लगातार घाटा हो रहा है. लिहाजा यात्री ट्रेनों का किराया बढ़ाना जरूरी हो गया था. हालांकि रेलवे ने ये भी दावा किया है कि यात्रियों को सफर के दौरान स्टेशन से लेकर ट्रेनों में बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिहाज से भी किराया बढ़ाया जा रहा है यानी रेलवे का दावा ये है कि आपसे नये साल में जो बढ़ा हुआ किराया वसूल करेगा, उसके बदले में वो आपको बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायेगा.