Expensive Jewelry Safe At Home: त्योहारों का महीना आ रहा है. इस महीने में लोग गहनों की खूब खरीदारी करते हैं लेकिन कहते हैं कि मंहगे सामान लेना बड़ी बात नहीं है बल्कि उसे सेफ रखना बड़ी बात है. गहने लेना लोगों को जितना पसंद होता है, उससे ज्यादा डर उसके खोने का होता है. इस डर को दूर करने के लिए लोग बैंकों में लॉकर की सुविधा लेते हैं लेकिन हर किसी के लिए लॉकर सुविधा ले पाना आसान नहीं होता है. अभी भी शहरों में ज्यादातर लोग गहने घर में ही रखते हैं, खैर घरों में गहने रखना उतना सुरक्षित नहीं माना जाता है. आज हम आपको एक ऐसा तरीका बताने जा रहे हैं जिससे आपके गहने भी सेफ रहेंगे और अगर चोरी भी होती है तो आपके गहनों के बराबर पैसे आपको मिल जाएंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बिमा कंपनियों की क्या है पॉलिसी?


ज्वैलरी पर इंश्योरेंस कवर लेकर आप गहनों की चोरी और गायब होने की टेंशन से छुटकारा पा सकते हैं. बीमा कंपनियां ज्वैलरी की सुरक्षा को लेकर दो तरह की स्कीम ऑफर करती है. इन दो तरह की पॉलिसी में एक होम इंश्योरेंस पॉलिसी है और दूसरा स्‍टैंडएलोन ज्वैलरी पॉलिसी है. होम इंश्योरेंस पॉलिसी में घर में रखे गहने पर सुरक्षा दी जाती है लेकिन गहने चोरी या गायब होने की कंडीशन में आपको पूरा पैसा नहीं मिल पाता है. अगर आपको गहनों की पूरी सुरक्षा चाहिए तो कंपनी की स्‍टैंडएलोन ज्वैलरी इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी पड़ेगी. इसमें 10 लाख रुपए तक के गहनों पर करीब 1 हजार रुपए प्रति माह तक का प्रीमियम जमा करना होता है. इससे गहनों के चोरी या गायब होने की कंडीशन में आपको गहनों के बराबर पूरे पैसे रिफंड में मिल जाते है.


इन बातों का रखें खासा ध्यान


किस भी तरह की स्कीम का लाभ लेने से पहले गहनों का मार्केट वेल्युएशन का पता जरूर कर लें. इसके लिए आपको करीब के किसी ऑथराइज्ड ज्वैलरी शॉप से बात करनी होगी. ज्वैलर आपको उसकी सही कीमत बता देगा. कभी-कभी ऐसा होता है कि बीमा कंपनी बीमा क्लेम करते समय गहनों की कीमत कम लगा देती है. जब ऐसे किसी पॉलिसी को लेने की तैयारी करें तो कंपनी के रिफंड नियमों की ठीक से जानकारी ले लें. स्‍टैंडएलोन ज्वैलरी इंश्योरेंस लेते समय प्राकृतिक आपदा वाले सेक्शन पर खासा ध्यान रखें.


ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर