Income Tax Return: इनकम टैक्स लायक नहीं कमाई! फिर भी भरें रिटर्न, जान लीजिए नियम और फायदे
Income Tax Return Update: अगर आपकी कमाई Tax Exemption Limit के नीचे आती है फिर भी आपको आईटीआर फाइल जरूर करना चाहिए. कानूनन आपको ITR भरने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन ऐसा करके आप कई फायदों से हाथ धो बैठते हैं. इसलिए टैक्स एक्सपर्ट सभी को ITR भरने की सलाह देते हैं.
Income Tax Return: अगर आपकी कमाई आयकर के दायरे में नहीं आती है तब भी आपको इनकम टैक्स जरूर भरना चाहिए. हालांकि ऐसे स्थिति में आपके लिए कानूनतः आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य नहीं है लेकिन, अगर आप ऐसा करते हैं तो कई फायदे से चूक जाएंगे.
गौरतलब है कि 60 साल से ज्यादा और 80 साल से कम सीनियर सिटिजन के लिए टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपये है, जबकि सुपर सीनियर सिटिजन यानी 80 साल से ऊपर के लिए ये सीमा 5 लाख रुपये है. लेकिन अगर आपकी सैलरी इनकम टैक्स की सीमा से कम है, फिर भी आप इनकम टैक्स रिटर्न जरूर भरें, आइये हम आपको इसकी अहमियत बताते हैं.
ITR भरने के फायदे
1. लोन की योग्यता तय
अगर आप कोई लोन लेने जा रहे हैं तो, बैंक आपकी योग्यता की जांच पड़ताल करता है, इस समय आपको इनकम टैक्स भरना बहुत लाभदायक होगा. बैंक आपको कितना लोन आपको देगा, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी इनकम कितनी है जो आपने इकनम टैक्स रिटर्न में फाइल की है. दरअसल, ITR एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जो सभी बैंक लोन की आसान प्रोसेसिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं.
आमतौर पर बैंक लोन प्रोसेसिंग के दौरान अपने ग्राहकों से 3 ITR की मांग करते हैं. इसलिए अगर आप कोई होम लोन लेकर घर खरीदना चाहते हैं, या फिर कार लोन लेना चाहते हैं या पर्नसल लोन लेना चाहते हैं, तो ITR जरूर दाखिल करना चाहिए क्योंकि इससे लोन मिलने में आसानी होती है.
2. टैक्स रिफंड के लिए जरूरी
डिविडेंड इनकम पर भी टैक्स बचाया जा सकता है. इसलिए अगर आप ITR फाइल करते हैं तो आप टर्म डिपॉजिट जैसी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स बचा सकते हैं. ITR रीफंड के जरिए आप टैक्स को क्लेम कर सकते हैं, अगर कुल इनकम कई स्रोतों की कमाई से 2.5 लाख रुपये से ज्यादा हो जाती है, तो कटा हुआ TDS आप दोबारा क्लेम कर सकते हैं.
3. एक वैध डॉक्यूमेंट
इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर को वैध एड्रेस प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. कंपनी की ओर से कर्मचारियों को फॉर्म-16 जारी किया जाता है. जो कि उसका इनकम प्रूफ होता है. खुद का काम करने वाले या फ्री-लांसर के लिए भी ITR फाइलिंग डॉक्यूमेंट एक वैध इनकम प्रूफ की तरह काम करता है. आधार कार्ड बनवाने में भी किया जा सकता है.
4. घाटे को कर सकते हैं क्लेम
एक टैक्सपेयर के लिए किसी घाटे को क्लेम करने के लिए एक तय तारीख के अंदर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना जरूरी होता है. ये घाटा कैपिटल गेंस, बिजनेस या प्रोफेशन के रूप में हो सकता है. जो व्यक्ति संबंधित असेसमेंट ईयर में ITR फाइल करते हैं, इनकम टैक्स के नियम उन्हीं लोगों को कैपिटल गेंस के खिलाफ घाटे को कैरी फॉर्वर्ड करने की इजाजत देते हैं.
5. वीजा प्रोसेसिंग के लिए जरूरी
वीजा प्रोसेसिंग अधिकारियों को आपकी मौजूदा वित्तीय हालात और इनकम के बारे में साफ जानकारी मिलती है. इससे आपको वीजा मिलने में आसानी होती है. अगर आप कहीं विदेश जा रहे हैं, तो ज्यादातर देश ITR की डिमांड करते हैं. इससे पता चलता है कि व्यक्ति टैक्स कंप्लायंट सिटिजन है.