मुंबई : जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने कहा कि उनका कंपनी के निदेशक मंडल से हटने का फैसला यात्रा का अंत नहीं बल्कि नए अध्याय की शुरुआत है. गोयल और उनकी पत्नी अनीता ने सोमवार को एयरलाइन के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया. गोयल ने इस 25 साल पुरानी एयरलाइन के चेयरमैन का पद भी छोड़ दिया है. कर्मचारियों को लिखे भावनात्मक पत्र में गोयल ने कहा कि कंपनी के लिए ऋण पुनर्गठन योजना से एयरलाइन वित्तीय रूप से मजबूत हो सकेगी.


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जेट एयरवेज को 80 विमान खड़े करने पड़े
जेट एयरवेज के भविष्य को लेकर कई हफ्ते से चल रही अटकलों के बीच उसके निदेशक मंडल ने सोमवार को एसबीआई (SBI) की अगुवाई में ऋणदाताओं के गठजोड़ की निपटान योजना को मंजूरी दे दी. कंपनी के ऋणदाता अब एयरलाइन के नए मालिक हैं और उनके पास इसकी 51 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी है. वित्तीय संकट की वजह से जेट एयरवेज को 80 विमान खड़े करने पड़े हैं. गोयल ने कर्मचारियों को लिखा कि वह और उनकी पत्नी अनिता दोनों तुरंत प्रभाव से जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से हट रहे हैं.


जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने एसबीआई को लिखा पत्र
दूसरी तरफ जेट एयरवेज के कर्मचारियों और अधिकारियों ने एयरलाइन की अंतरिम प्रबंधन समिति में उन्हें भी प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग की है. यह समिति बैंकों की अगुवाई वाले प्रबंधन के तहत एयरलाइन का कामकाज देखेगी. जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के एयरलाइन के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने के बाद इस समिति की घोषणा की गई. बैंकों को एयरलाइन से 8,200 करोड़ रुपये की वसूली करनी है.



निपटान योजना के तहत बैंक एयरलाइन को 1,500 करोड़ रुपये का आपात वित्तपोषण भी उपलब्ध करायेंगे. ऑल इंडिया जेट एयरवेज आफिसर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष किरण पावास्कर ने एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार को पत्र लिखकर कहा, 'यह उचित होगा कि हमारे में से दो प्रतिनिधि शामिल किए जाएं, जिससे कंपनी के प्रति हमारी चिंता को समझा जा सके. इससे कंपनी के नए शेयरधारकों का भी भरोसा कायम होगा.'