TRAI Report: दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने 2024 की पहली तिमाही (मार्च 2024) में सबसे अधिक समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) दर्ज किया है. एजीआर के आधार पर ही सरकार स्पेक्ट्रम और लाइसेंस शुल्क की गणना करती है. दूरसंचार नियामक ट्राई की ओर से गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस जियो का एजीआर 25,330.97 करोड़ रुपये दर्ज किया है. वहीं, भारती एयरटेल ने इस तिमाही में अपने एजीआर में सबसे तेज वृद्धि देखी.


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रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस जियो का एजीआर मार्च तिमाही के दौरान 10.21 प्रतिशत बढ़ा. एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी का एजीआर 22,985 करोड़ रुपये था. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की रिपोर्ट के अनुसार, एयरटेल का एजीआर मार्च, 2024 तिमाही में 13.25 प्रतिशत बढ़कर 20,951.91 करोड़ रुपये हो गया. एक साल पहले समान अवधि में कंपनी का एजीआर 15,500.36 करोड़ रुपये था. 


वोडाफोन आइडिया ने की मामूली वृद्धि


ट्राई के अनुसार, घाटे में चल रही वोडाफोन आइडिया ने एजीआर में साल-दर-साल 2.22 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की है. वोडाफोन आइडिया का एजीआर 7,210.63 करोड़ रुपये से 7,370.75 करोड़ रुपये हो गया है. वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएल और एमटीएनएल ने एजीआर में क्रमशः 4.41 प्रतिशत और 13.78 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है. 


भारत के सभी दूरसंचार कंपनियों के आधार पर इस तिमाही में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं का सकल राजस्व सालाना आधार पर 3.01 प्रतिशत बढ़कर 87,926 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. वहीं, समायोजित सकल राजस्व 9.25 प्रतिशत बढ़ा है. दूरसंचार नियामक के अनुसार, लाइसेंस शुल्क (एलएफ) और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) के रूप में सेवा प्रदाताओं से सरकारी संग्रह सालाना आधार पर 10 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 6,506 करोड़ रुपये हो गया है.