जॉनसन एंड जॉनसन के ग्राहकों से गलत तरीके से पैसा वसूलने के मामले में 230 करोड़ रुपए का जुर्माना देना होगा. बच्चों के उत्पाद बनाने के वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को  नेशनल एंटी प्रोफिटियरिंग अथॉरिटी (एनएए) ने जीएसटी (GST) कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देने पर ये जुर्माना लगाया है. हाल ही में दिए गए फैसले में प्राधिकरण ने कहा है कि कंपनी ने जिस तरीके से टैक्स कटौती की गणना की थी वो आकलन गलत था. 


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ग्राहकों से ऐंठे ज्यादा पैसे
नेशनल एंटी प्रोफिटियरिंग अथॉरिटी के चेयरमैन बीएन शर्मान ने अपनो ऑर्डर में कहा है कि 15 नवंबर 2017 से दिसंबर 2018 के बीच ग्राहकों से ज्यादा पैसे वसूले गए हैं. सरकार ने इस दौरान जीएसटी (GST) की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 फीसदी कर दिया था. लेकिन जॉनसन एंड जॉनसन इस कटौती का फायदा ग्राहकों को नहीं दिया. 


कंपनी 3 महीने के भीतर जुर्माना भरे 
अथॉरिटी ने कहा है कि कंपनी को ऑर्डर मिलने के तीन महीने के भीतर 230 करोड़ रुपए का जुर्माना भरे. अगर कंपनी ऐसा नहीं करती है तो ये पैसा जीएसटी प्राधिकरण द्वारा वसूला जाएगा.


विवादों में आती रही है जॉनसन एंड जॉनसन
अमरीकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन पिछले कुछ सालों से विवादों में ही रही है. कुछ साल पहले एक महिला ने कंपनी के खिलाफ कोर्ट में दावा किया था कि इनके बेबी पाउडर से कैंसर होता है. महिला का दावा सही पाया गया और कंपनी को भारी भरकम जुर्माना देना पड़ा था. इसी तरह पिछले साल कंपनी द्वारा बनाए जाने वाले घुटने के उपकरणों की कीमतों और गुणवत्ता में गड़बड़ी पाई गई थी.