JSW IPO: अगर आप भी शेयर मार्केट (Share Market) में न‍िवेश करने के शौकीन हैं तो इसके ल‍िए आईपीओ बेस्‍ट च्‍वाइस होती है. यहां पर आप कम पैसे से न‍िवेश शुरू करके अच्‍छा प्रॉफ‍िट बुक कर सकते हैं. हालांक‍ि कई मामलों में न‍िवेशकों को नुकसान भी झेलना पड़ा है. जेएसडब्ल्यू ग्रुप की कंपनी जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर (JSW Infrastructure) ने इनिशियल पब्‍ल‍िक इश्‍यू (IPO) के लिये बाजार नियामक सेबी (SEBI) के पास विवरण पुस्तिका जमा कर दी है.


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2,800 करोड़ रुपये फंड जुटाने की तैयारी


कंपनी आईपीओ (IPO) के जरिये 2,800 करोड़ रुपये तक का फंड जुटाने की योजना पर काम कर रही है. सूत्रों के अनुसार, जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर (JSW Infrastructure) ने आईपीओ (IPO) के जरिये 2,800 करोड़ रुपये तक जुटाने के लिये विवरण पुस्तिका जमा की है. जेएसडब्ल्यू (JSW) के बंदरगाह कारोबार से जुड़ी कंपनी ने आईपीओ के लिये सेबी के पास 9 मई, 2023 को विवरण पुस्तिका जमा कर दी है.


क‍िसी भी प्रकार की टिप्पणी से इंकार
जेएसडब्ल्यू के प्रवक्ता से जब इस बारे में संपर्क क‍िया गया तो उन्‍होंने क‍िसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से मना कर दिया. कंपनी आईपीओ के जरिये जुटायी गयी राशि का उपयोग कर्ज को कम करने और अपनी क्षमताओं के विस्तार की परियोजनाओं में करेगी. आपको बता दें जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर, जेएसडब्ल्यू ग्रुप की शेयर बाजार में ल‍िस्‍टेड होने वाली तीसरी कंपनी है. इसके अलावा ग्रुप की कंपन‍ियां जेएसडब्ल्यू एनर्जी और जेएसडब्ल्यू स्टील हैं.


जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में
भारतीय स्‍वाम‍ित्‍व वाली जेएसडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर एक भारतीय कंपनी है. यह इंफ्रास्ट्रक्चर, इंजीनियरिंग, निर्माण और परियोजनाओं से जुड़ी सर्व‍िस प्रदान करती है. 1984 में स्थापित की गई यह कंपनी इस समय देश की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक है. कंपनी ने देश में व‍िभ‍िन्‍न क्षेत्रों में कई प्रमुख परियोजनाओं का काम किया है. इनमें से कुछ उदाहरण संगम पुल, दिल्ली मेट्रो, नागपुर मुंबई समेत कई पर‍ियोनाएं व‍िकस‍ित करना है.


कैसे होगा न‍िवेश
अगर आप न‍िवेश के इच्‍छुक हैं तो आपको एक लॉट लेने के ल‍िए 15,000 रुपये की जरूरत होगी. दरअसल, जब क‍िसी भी कंपनी की तरफ से आईपीओ जारी क‍िया जाता है तो उसे 15-15 हजार रुपये के लॉट में र‍िटेल न‍िवेशकों बेचा जाता है. एक लॉट में क‍ितने शेयर होंगे यह आईपीओ के प्राइस बैंड पर न‍िर्भर करता है. एक र‍िटेल न‍िवेशक एक से ज्‍यादा लॉट के ल‍िए बोली लगा सकता है. आईपीओ के ल‍िस्‍टेड होने के बाद न‍िवेशकों को शेयर अलॉट कर द‍िये जाते हैं.