Go First Crisis: गो फर्स्ट एयरलाइन संकट में चल रही है. वहीं कोर्ट में गो फर्स्ट को लेकर मिली अर्जियों पर सुनवाई भी की जा रही है. इस बीच एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, गो फर्स्ट पर दाखिल की गई अर्जियों पर सुनवाई करने वाले जज ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया है. वहीं इसकी कोई वजह भी नहीं बताई गई है.


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गो फर्स्ट
दिल्ली हाईकोर्ट की एक न्यायाधीश ने गो फर्स्ट को पट्टे पर विमान मुहैया कराने वाली कंपनियों की तरफ से दायर अर्जियों पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने गुरुवार को कोई कारण बताए बगैर इन याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग करने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस मामले को अब मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर शुक्रवार को किसी अन्य न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई के लिए रखा जाए.


ये हैं शामिल
गो फर्स्ट के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू होने के बाद एयरलाइन को किराये पर विमान देने वाली कंपनियों ने अपने विमानों की संबद्धता खत्म करने की अपील की है. उन्होंने याचिका दायर कर संबंधित अधिकारियों को विमान लौटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. याचिका दायर करने वाली कंपनियों में एसिपिटर इन्वेस्टमेंट्स एयरक्राफ्ट, ईओए एविएशन, पेम्ब्रोक एयरक्राफ्ट लीजिंग और एसएमबीसी एविएशन शामिल हैं.


दिवाला प्रक्रिया
वहीं दिवाला प्रक्रिया शुरू हो जाने और संपत्तियों के हस्तांतरण पर रोक लगाए जाने से विमान मुहैया कराने वाली कंपनियों को अपने विमान वापस नहीं मिल पा रहे हैं. राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने भी पिछली 10 मई को गो फर्स्ट की दिवाला कार्यवाही को मंजूरी दे दी थी.


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