नई दिल्ली: कहर बरपाती गर्मी और लगातार पिछले कुछ दिनों से खौफ का मंजर बने तूफान अब थमते नजर आ रहे हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, तूफानों की रफ्तार धीमी पड़ गई है. साथ ही साइक्लोन का रुख भी बदल गया है. अब तूफान ओमान और यमन की तरफ बढ़ रहा है, पिछले 48 घंटे में उत्तर-पूर्वी इलाकों में इसका दबाव कम हुआ और कोई खतरा नजर नहीं आता. वहीं, इस बीच खुशी की बात यह है कि साउथवेस्ट मॉनसून अब रफ्तार पकड़ना शुरू करेगा. अगले 3 से 4 दिन में मॉनसून दक्षिण-पश्चिमी इलाकों में दस्तक दे सकता है. अगले 3-4 दिन तूफान आने की कोई संभावना नहीं है. हालांकि, गर्मी का कहर अभी जारी रह सकता है.


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केरल में होगी भारी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत में जहां गर्मी अभी आग उगलेगी वहीं, केरल में झमाझम बारिश होने की संभावना है. विभाग ने आशंका जताई है कि केरल में भारी बारिश हो सकती है. अगले 48 घंटे में मॉनसून दक्षिण अरब सागर से केरल पहुंच सकता है. हालांकि, यह प्री-मॉनसून बारिश होगी. अगले 3-4 दिनों में दक्षिण अरब सागर और दक्षिण-पश्चिमी इलाकों में मानसून के लिए स्थितियां अनुकूल हो रही हैं.


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गर्मी बरपाएगी कहर
एक तरफ दक्षिण भारत में मॉनसून की शुरुआत होगी, लेकिन उत्तर भारत में गर्मी का कहर जारी रहेगी. अगले 48 घंटे में तापमान में 1-2 डिग्री का उछाल देखने को मिल सकता है. राजस्थान, मध्यप्रदेश जैसे इलाकों में पारा 46 डिग्री के पार जा सकता है. हालांकि, बाकी देश में पारा अभी सामान्य रहने की उम्मीद है. हालांकि, इस बीच में मध्य भारत में धूल भरी हवाएं चल सकती हैं. ये तूफान तो नहीं होंगी, लेकिन हवा की गति 45-55 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी.



गर्म हवाएं बढ़ाएंगी परेशानी
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर में तापमान सामान्य से ज्यादा रह सकता है, लेकिन यह पिछले साल के मुकाबले कम होगा. इस दौरान लोगों को गर्म हवाएं भी झेलनी पड़ेंगी. इसके अलावा रात के समय में भी तापमान सामान्य से ज्यादा रह सकता है. गर्मी का सबसे ज्यादा असर राजस्थान, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में दिखेगा.


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क्यों पड़ेगी इतनी गर्मी?
आईएमडी प्रमुख डी शिवानंद पई के मुताबिक, आने वाले दिनों में उत्तर भारत में आसमान पूरी तरह साफ रहेगा. साथ ही ऐंटी-साइक्लोनिक हवाओं से तापमान ज्यादा रहने का अनुमान है. सामान्य से ज्यादा तापमान ग्लोबल वॉर्मिंग का संकेत है. पई के मुताबिक, उत्तर और पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान सामान्य के करीब रह सकता है, जो आसमान में बादल और क्षेत्र में प्री-मॉनसून बारिश का संकेत है.