Pension Scheme: पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर काफी हंगामा देखने को मिल रहा है. सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. दरअसल, हाल ही में सरकार की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया था, नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में बदलाव के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यों कमेटी बनाई गई थी, जिसने नौ जून को स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद 'जेसीएम' के पदाधिकारियों के साथ बैठक की है. हालांकि इस बैठक में केंद्र सरकार के बड़े कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने साफ कर दिया कि उन्हें पुरानी पेंशन स्कीम ही चाहिए.


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पुरानी पेंशन योजना
सरकारी कर्मचारियों के संगठन ने मांग की है कि बिना गारंटी वाली 'एनपीएस' योजना को खत्म किया जाए. साथ ही गारंटी वाली 'पुरानी पेंशन योजना' को फिर से लागू किया जाए. वहीं समिति के अध्यक्ष का कहना है कि सभी मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा. साथ ही सभी चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा. कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों ने कमेटी को ज्ञापन सौंपा है. इस ज्ञापन में एनपीएस को खत्म करने की मांग की गई है. साथ ही पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने के लिए कहा गया है. समित ने कहा कि ज्ञापन में दिए गए बिंदुओ पर काम किया जाएगा.


ओपीएस
बता दें कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) सरकार के जरिए अनुमोदित एक रिटायरमेंट योजना है. सरकारी कर्मचारियों को ओपीएस के तहत मासिक पेंशन मिलती है. यह सरकारी कर्मचारियों के लिए एक गारंटीकृत पेंशन प्रदान करता है, जिन्होंने अपने अंतिम आहरित मूल वेतन और सेवा के वर्षों के आधार पर कम से कम दस वर्ष की सेवा पूरी कर ली है.


रिटायरमेंट
ओपीएस के तहत सरकार सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पूरी पेंशन राशि का भुगतान करती है. इस प्रकार जब कर्मचारी सेवा में होते हैं तो उनके वेतन से कोई राशि नहीं काटी जाती है. रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मचारियों को पेंशन राशि और महंगाई भत्ता (डीए) में संशोधन का लाभ साल में दो बार मिलता है. चूंकि वे अपने अंतिम आहरित वेतन और डीए के आधार पर पेंशन प्राप्त करते हैं, इसलिए साल में दो बार डीए बढ़ने पर उनकी पेंशन बढ़ जाती है. हालांकि, ओपीएस केवल सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है.


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