केरल में खुदकुशी कर रहे किसानों को राहत, लोन वापस करने की समय सीमा बढ़ाई गई
इडुक्की और वायनाड को छोड़कर राज्य के सभी जिलों के किसानों द्वारा मार्च 2014 तक लिए गए ऋणों पर अब शुल्क स्थगन का फायदा मिलेगा.
तिरुवनंतपुरम: केरल में पिछले साल आई सदी की सबसे विनाशकारी बाढ़ के बाद किसानों को जारी किए गए वसूली नोटिस के बीच राज्य में किसानों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आने पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को किसानों के लिए नई रियायतों की घोषणा की. इसके साथ ही विजयन ने ऋण चुकाने पर शुल्क स्थगन 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है. केरल के संकटग्रस्त कृषि क्षेत्र को मदद देने के मकसद से विजयन ने कहा, "इडुक्की और वायनाड को छोड़कर राज्य के सभी जिलों के किसानों द्वारा मार्च 2014 तक लिए गए ऋणों पर अब शुल्क स्थगन का फायदा मिलेगा." इडुक्की और वायनाड को बाढ़ के कारण भारी नुकसान झेलना पड़ा था, जहां हजारों एकड़ कृषि भूमि तबाह हो गई थी.
इससे पहले किसानों द्वारा लिए गए कर्ज पर शुल्क स्थगन की समयसीमा मार्च 2011 थी. उन्होंने कहा, "इडुक्की और वायनाड के किसानों को 31 अगस्त 2018 तक लिए गए सभी प्रकार के कर्ज पर इसका फायदा मिलेगा." पिछले दो महीनों में इडुक्की में आधा दर्जन किसानों के आत्महत्या करने की खबरों के बीच सरकार ने यह निर्णय लिया है. विजयन ने कहा, "किसानों द्वारा सहकारी बैंकों से अब तक लिए गए कर्ज पर ही इसका फायदा मिलेगा. यह लाभ केरल राज्य किसान कर्ज राहत आयोग द्वारा दिया जाएगा."
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उन्होंने कहा, "हमने अब कृषि एवं योजना विभाग से व्यवसायिक बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिए गए कर्ज को भी देखने को कहा है. इसके अलावा, शुल्क स्थगन का लाभ पाने वाले ऋण की सीमा अब एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी गई है." वसूली प्रक्रिया के हिस्से के रूप में कर्ज नहीं चुका पाने वाले लोगों की आवासीय या वाणिज्यिक संपत्तियों की नीलामी के लिए नोटिस भेजे गए हैं.
अकेले इडुक्की जिले में करीब 15,000 किसानों को वाणिज्यिक और सहकारी दोनों बैंकों से नोटिस प्राप्त हुए हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बाढ़ से इडुक्की में लगभग 11,000 हेक्टेयर कृषि भूमि तबाह हुई, जिससे लगभग 35,000 किसान प्रभावित हुए थे.
(इनपुट-आईएएनएस)