नई दिल्ली: पीएमसी बैंक घोटाला गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाइकोर्ट (Bombay High Court) की फैसले पर रोक लगा दी गई है. बुधवार को हाईकोर्ट ने पीएमसी बैंक (PMC Bank) घोटाले में कथित गिरफ्तार आरोपी एचडीआइएल प्रमोटर्स राकेश वधावन और सारंग वधावन को आर्थर रोड जेल से उनके निवास पर स्थानांतरित करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब दोनो की आरोपियों को आर्थर जेल में ही रहना होगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्यों हस्तक्षेप किया सुप्रीम कोर्ट ने
प्रवर्तन निदेशालय (Directorate of Enforcement) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हाजिए हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस के शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाले बेंच को कहा कि ये बहुत बड़ा घोटाला है, इस मामले की सुनवाई आज ही होनी चाहिए. सरकारी वकीन ने बेंच से कहा कि कथित आरोपी पिता-पुत्र को वर्तमान में न्यायिक हिरासत में आर्थर रोड जेल में रखा गया है. अगर उन्हें हाईकोर्ट के आदेश पर जेल से आवास पर स्थानांतरित कर दिया जाता है, तो यह उन्हें जमानत की तरह होगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी.


उल्लेखनीय है कि पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (PMC) बैंक घोटाला 7000 करोड़ रुपये का है. इस मामले में बुधवार को ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दोनो आरोपियों को आर्थर रोड जेल से अपने घर में शिफ्ट करने का आदेश जारी कर दिया था. इसके अलावा कोर्ट ने मामले में गिरवी रखी गई एचडीआइएल की संपत्ति का मूल्यांकन करने और बिक्री के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने को कहा था. 


बैंक के कामकाज में अनियमितताएं और रीयल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिये गये कर्ज के बारे में सही जानकारी नहीं देने को लेकर उस पर पाबंदी लगाई गई थी. बैंक ने एचडीआईएल को अपने कुल कर्ज 8,880 करोड़ रुपये में से 6,500 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था.