Budget 2024 News in Hindi: मोदी सरकार 3.0 के शपथ ग्रहण के बाद संसद में वित्त वर्ष 2024- 25 के लिए बजट पेश किया गया. इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की बड़ी घोषणाएं की. सरकार का बड़ा जोर रोजगार सृजन पर नजर आया. इसके लिए लघु और मध्यम उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए कई बड़ी रियायतें दी गईं. साथ ही विशेष राज्य के दर्जे से चूके बिहार को 2400 मेगावाट के पावर प्लांट की सौगात भी दी गई. आयकर स्लैब में लोगों को खास राहत नहीं मिली और सरकार ने उसे जैसे का तैसे रखा है. सरकार के बजट पर अब विपक्षी दलों के रिएक्शन भी आने शुरू हो गए हैं. विपक्षी दलों ने इसे पूंजीपतियों का बजट बताकर आलोचना की है. 


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'बंगाल बजट में पूरी तरह से उपेक्षित'


पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'इस बजट में बंगाल को पूरी तरीके से वंचित रखा गया है. लेकिन बंगाल किसी दया का मोहताज नहीं है. अगर बंगाल के सम्मान के साथ कुछ गलत किया गया तो राज्य की जनता गर्जन करेगी और छोड़ेगी नहीं.' 


'दूसरे राज्यों के साथ भेदभाव न हो'


ममता ने आगे कहा, 'मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा कि एक सरकार शेयर के पैसों से शेयर स्कैम कर कर रही है. लेकिन इसमें दोष सरकार का नहीं बल्कि उसे समर्थन दे रहे उन दलों का है, जिन्हें मंत्रालय, स्पीकर पद और अहम विभाग न मिलने के बावजूद लगातार उसका साथ दे रही हैं. सरकार ने आंध्र प्रदेश और बिहार को पैसा दिया, इस बात से कोई आपत्ति नहीं है, वे भी हमारे देश के ही हिस्से हैं लेकिन ऐसा करके दूसरे राज्यों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए.' 


'वंचितों के लिए खास इंतजाम नहीं'


बसपा सुप्रीमो मायावती पर भी बजट को निराशाजनक बताते हुए केंद्र सरकार पर खूब बरसीं. उन्होंने कहा, 'संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर और धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों और उपेक्षित बहुजनों के लिए मायूस करने वाला रहा है. देश में जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन छाए हुए हैं. इसके बावजूद बजट में 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान और उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव है. रेलवे का विकास भी अति-जरूरी. सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे.'


नाउम्मीदी का पुलिंदा है बजट- अखिलेश यादव


सपा मुखिया अखिलेश यादव भी केंद्रीय बजट की आलोचना की. एक्स पर पोस्ट लिखकर अखिलेश यादव ने कहा, 'ये बजट भी नाउम्मीदगी का ही पुलिंदा है. शुक्र है इंसान इन हालातों में भी जिंदा है. ग्यारहवें बजट में बेरोज़गारी-महँगाई, किसान-महिला-युवा का मुद्दा नौ दो ग्यारह हो गया है.' 


यह कुर्सी बचाओ बजट- राहुल गांधी


कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मोदी सरकार पर तंज कसने से नहीं चूके. राहुल गांधी ने लिखा, 'यह कुर्सी बचाओ बजट है. इसमें दूसरे राज्यों के हितों की कीमत पर सहयोगी पार्टियों को तुष्ट करने की कोशिश की गई है. आम आदमी के बजाय इलीट तबको को राहत दी गई है. कांग्रेस के पुराने बजट और मौजूदा मैनिफेस्टो से चीजें निकालकर इस बजट में कॉपी- पेस्ट करने की कोशिश की गई है.' 


राजनेताओं के साथ ही किसान नेता राकेश टिकैत भी सरकार पर बरसे. उन्होंने बजट को बेकार बताते हुए कहा कि इस बजट से किसानों को नहीं बल्कि उद्योगपतियों को ज्यादा फायदा होगा. किसानों को सीधा लाभ देने के लिए प्रावधान करना होगा