मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा किसी इकाई के कॉरपोरेट बांड में निवेश की 20 प्रतिशत की सीमा को हटा दिया है. इसके पीछे मकसद अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करना है. अप्रैल, 2018 में कॉरपोरेट ऋण में एफपीआई निवेश की समीक्षा के तहत यह तय किया गया था कि कोई भी एफपीआई अपने कॉरपोरेट बांड पोर्टफोलियो का 20 प्रतिशत से अधिक किसी एक कंपनी में निवेश नहीं कर पाएंगे.


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इस प्रावधान का मकसद एफपीआई को अपना पोर्टफोलियो कायम रखने के लिए प्रोत्साहित करना है. रिजर्व बैंक ने कहा कि बाजार से जो प्रतिक्रिया मिली है उससे पता चलता है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को इस अंकुश से दिक्कत आ रही है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि निवेशकों को भारतीय कॉरपोरेट बांड बाजार में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से इस प्रावधान को तत्काल प्रभाव से हटाया जा रहा है.