Bank Interest Rates: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जमा राशि और लोन पर ब्याज दरें तय करने के लिए बैंकों को खुली छूट दे दी है. शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक में जमा राशि और कर्ज पर ब्याज दरें नियंत्रण मुक्त कर दी गई हैं. अब बैंक ब्याज दरें तय करने के लिए स्वतंत्र हैं.


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उन्होंने आगे कहा कि ब्याज दरें नियंत्रणमुक्त कर दी गई हैं. ऐसे में अक्सर बैंक धन आकर्षित करने के लिए जमा दरें बढ़ाते हैं. यानी कस्टमर्स को लुभाने के लिए बैंक अक्सर जमा राशि पर ब्याज दरें बढ़ाते हैं.


जमा और कर्ज के बीच बढ़ते अंतर पर जताई थी चिंता


आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने इसी सप्ताह द्विमासिक मौद्रिक नीति पेश करते हुए बैंकों में जमा और कर्ज के बीच बढ़ते अंतर पर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि बैंक कर्ज की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अल्पकालिक गैर-खुदरा जमा और देनदारी के अन्य साधनों का अधिक सहारा ले रहे हैं. दास ने आगाह करते हुए कहा कि यह बैंकों में संरचनात्मक रूप से नकदी के मुद्दों को सामने ला सकता है. इसलिए बैंक नए उत्पादों और सर्विस पेशकशों के माध्यम से घरेलू वित्तीय बचत जुटाने पर अधिक ध्यान दे सकते हैं.


बैंकों को आकर्षक उत्पाद लाने चाहिए: सीतारमण


इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों को जमा राशि जुटाने के लिए अनूठी और आकर्षक योजनाएं लानी चाहिए. भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल को संबोधित करने के बाद सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा कि जमा और उधार एक गाड़ी के दो पहिए हैं और जमा धीरे-धीरे रही है.


उन्होंने कहा कि बैंकों को कोर बैंकिग यानी मुख्य कारोबार पर ध्यान देने की जरूरत है. इसमें जमा राशि जुटाना और जिन्हें कोष की जरूरत है, उन्हें कर्ज देना शामिल है. सीतारमण ने जमा और कर्ज के बीच अंतर को दूर करने के लिए बैंकों से लोगों से धन जुटाने के लिए ‘अनूठी और आकर्षक’ जमा योजनाएं लाने को कहा.