Online Payment: देश में ऑनलाइन पेमेंट करने का चलन काफी बढ़ गया है. लोग आजकल नकद का कम इस्तेमाल कर ज्यादातर लेनदेन ऑनलाइन माध्यमों से ही कर रहे हैं. इन्हीं में यूपीआई के जरिए लोगों को ऑनलाइन पेमेंट करने की भी सुविधा मिली है. लोगों के जरिए यूपीआई लेनदेन करने की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. वहीं अब एसबीआई की ओर से भी अहम ऐलान किया गया है, जिसके बारे में लोगों को जानना काफी जरूरी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एसबीआई
दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा कि उसने अपने डिजिटल रुपी में ‘यूपीआई इंटरऑपरेबिलिटी’ लागू कर दी है. उसके डिजिटल रुपी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) कहा जाता है. एसबीआई की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, इस कदम से बैंक का मकसद अपने ग्राहकों को अभूतपूर्व सुविधा और पहुंच प्रदान करना है.


ई-रूपी बाय एसबीआई
‘ई-रूपी बाय एसबीआई’ एप के माध्यम से ग्राहकों को सुलभ यह अत्याधुनिक सुविधा मिलेगी. ग्राहक बिना किसी परेशानी के किसी भी यूपीआई क्यूआर कोड को आसानी से ‘स्कैन’ करने में सक्षम होंगे और भुगतान कर पाएंगे. एसबीआई, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिजिटल ई-रुपी परियोजना में हिस्सा लेने वाले कुछ बैंकों में से एक है.


यूपीआई लेनदेन
बता दें कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) नेटवर्क ने अगस्त 2023 में प्रति माह 1,000 करोड़ लेनदेन के मील के पत्थर को पार कर रिकॉर्ड 1,058 लेनदेन किया. मई 2023 में प्लेटफॉर्म ने प्रति माह 900 करोड़ लेनदेन को पार कर लिया था. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार, लेनदेन की संख्या पिछले महीने से 6.2 प्रतिशत और अगस्त 2022 की तुलना में 61 प्रतिशत अधिक थी.


लेनदेन की राशि
लेनदेन के मूल्य के बारे में यूपीआई प्लेटफॉर्म ने महीने के दौरान ₹15.76 लाख करोड़ का लेनदेन करते हुए एक नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ. लेन-देन की राशि महीने-दर-महीने 2.7 प्रतिशत अधिक और एक साल पहले की अवधि की तुलना में 47 प्रतिशत अधिक थी. (इनपुट: भाषा)