मुंबई : देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने गुरुवार को कहा कि उसने अपने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (SME) ग्राहकों को अल्पकालिक कार्यशील पूंजी मांग ऋण प्रदान करने के लिए एक नया उत्पाद पेश किया है. नए उत्पाद को 'एसएमई असिस्ट' नाम दिया गया है, इसके तहत एमएसएमई ग्राहकों को माल एवं सेवा कर के तहत फंसे इनपुट क्रेडिट दावों के आधार पर ऋण दिया जाएगा.


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बैंक ने बयान में कहा कि ग्राहकों को ऋण रियायती ब्याज दर पर मिलेगा. बैंक के मुख्य महाप्रबंधक (एसएमई) वी रामलिंग ने कहा कि यह उत्पाद सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों को इनपुट क्रेडिट प्राप्त होने तक उनकी कार्यशील पूंजी की आवश्यकता का प्रबंधन करने में मदद करेगा. इससे एसएमई उद्योगों को बिना किसी रुकावट के परिचालन करने में मदद मिलेगी.


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इस योजना के तहत ऋण प्रसंस्करण शुल्क 2,000 रुपये है. ऋण आवेदन के लिये कंपनियों को चार्टर्ड अकाउंटेंट से इनपुट क्रेडिट दावों की पुष्टि वाला प्रमाण पत्र देना होगा. बैंक ने कहा कि इस योजना के तहत एसएमई ऋण लेने वालों को तीन महीने की अवधि की स्थगन अवधि दी जाएगी.


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स्थगन अवधि बीत जाने के बाद एसएमई ग्राहकों को एक साथ या अगले 6 महीनों में 6 किस्तों में पूरी राशि का भुगतान करना होगा. बैंक के एसएमई ग्राहक 31, मार्च 2018 तक ऋण ले सकते हैं.