Income Tax Refund: आईटी सेक्‍टर में काम करने वाले राहुल ने हर साल की तरह इस साल भी समय से आईटीआर फाइल कर द‍िया था. प‍िछले साल तो उनका टैक्‍स र‍िफंड एक हफ्ते बाद ही आ गया था लेक‍िन इस बार यह अभी तक प्रोसीड नहीं हुआ. अब राहुल परेशान है. दरअसल, टाइमली आईटीआर (ITR) फाइल करने का मतलब यह नहीं क‍ि आपको अपना र‍िफंड जल्‍दी म‍िल जाएगा. टैक्स रिफंड प्रोसेस के कई स्‍टेप होते हैं. अगर किसी भी स्‍टेप में कुछ गलत होता है तो पूरे प्रोसेस में देरी हो सकती है.


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इस कारण हो सकती है टैक्‍स र‍िफंड में देरी


आप टैक्स रिफंड के लिए तब एल‍िज‍िबल होते हैं जब आपकी तरफ से पहले से द‍िया गया टैक्‍स आपकी असल टैक्‍स लाइब‍िल‍िटी से ज्‍यादा हो. इनकम टैक्‍स व‍िभाग मूल्यांकन के दौरान सभी कटौती और छूट पर व‍िचार करने के बाद इसकी कैलकुलेशन करता है. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) र‍िफंड में देरी कई कारण से हो सकती है. यदि टैक्‍सपेयर ने अपने ITR का इलेक्ट्रॉनिक वेर‍िफ‍िकेशन कोड (EVC) के जर‍िये या सेंट्रल प्रोसेस‍िंग सेंटर (CPC) के जर‍िये नहीं क‍िया है तो उसके र‍िफंड में देरी हो सकती है.


इनकम की फ‍िगर मैच नहीं करना भी देरी का कारण
इसके अलावा आईटीआर ड‍िटेल में गलती जैसे आमदनी के आंकड़ों का मैच नहीं करना, गलत बैंक अकाउंट की जानकारी या पैन ड‍िटेल में गलती पर भी आईटीआर प्रोसेस और र‍िफंड होने में देरी हो जाती है. ऐसे मामलों में जहां आईटीआर में जट‍िल इनकम सोर्स या तमाम तरह की कटौतियां शामिल हैं, ऐसे आईटीआर को मैन्‍युअल प्रोसीड करने की जरूरत होती है. यही कारण है क‍ि ऐसे आईटीआर को प्रोसेस्‍ड करने और और रिफंड करने में आमतौर पर ज्‍यादा समय लग सकता है.


इसके अलावा, सीपीसी में बैकलॉग के कारण भी देरी हो सकती है. खासकर पीक फाइलिंग के दौरान या टैक्‍सपेयर द्वारा इनकम टैक्‍स व‍िभाग के नोटिस या अनुरोध का पालन नहीं करने के कारण. इसलिए, क‍िसी भी टैक्‍सपेयर को तय टाइम ल‍िम‍िट से काफी पहले अपना रिटर्न फाइल करने की कोश‍िश करनी चाह‍िए.


आईटीआर र‍िफंड में देरी पर क्‍या करें?
अगर आपके र‍िफंड में भी देरी हो रही है तो आपको सबसे पहले इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर स्‍टेटस चेक करना चाह‍िए. इससे आपको प्रोसेसिंग की मौजूदा स्‍थ‍ित‍ि के बारे में जानकारी म‍िल जाएगी. अगर आपके र‍िफंड में देरी का कारण साफ नहीं हो रहा तो आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर 'ई-निवारण' सेक्‍शन पर जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं या अपडेट के लिए सीपीसी हेल्पलाइन से भी संपर्क कर सकते हैं. इनकम टैक्‍स व‍िभाग के क‍िसी भी नोटिस या अनुरोध का जल्दी से जवाब देना जरूरी है क्योंकि आपके जवाब में देरी से प्रोसेसिंग टाइम ज्‍यादा बढ़ सकता है.


टैक्‍स र‍िफंड का इश्‍यू रेज कैसे करें
अगर आपका रिफंड प्रोसेस लंबे समय से अटका हुआ है तो आपको रिफंड की री-इश्यू र‍िक्‍वेस्‍ट फाइल करनी पड़ सकती है. इसे  आप कैसे कर सकते हैं? आइए जानते हैं-


>>  सबसे पहले आईटीआर ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं और अपने क्रेडेंशियल्स के साथ लॉगइन करें.
>>  इसके बाद 'सर्व‍िस' टैब पर जाएं और 'रिफंड री-इश्यू' बटन पर क्लिक करें.
>>  अब नया वेबपेज खुलेगा. 'रिफंड रीइश्यू र‍िक्‍वेस्‍ट' पर क्लिक करें. अब यहां पर आईटीआर स‍िलेक्‍ट करें और आप रिफंड पुनः जारी करने का अनुरोध करना चाहते हैं.
>>  यहां उस बैंक अकाउंट को स‍िलेक्‍ट करें, जहां आप रिफंड हास‍िल करना चाहते हैं. यदि स‍िलेक्‍ट क‍िया गया अकाउंट वेर‍िफाई नहीं है तो आपको पहले इसे वेर‍िफाई करना होगा.
>>  अब प्रोसीड पर क्लिक करें और एक वेर‍िफ‍िकेशन मेथड आधार ओटीपी, ईवीसी या डीएससी चुनें. ओटीपी प्राप्‍त होने पर प्रोसेस को पूरा कर दें.