प्लास्टिक कचरे से जूते बनाता है 23 साल का ये शख्स, आनंद महिंद्रा ने दिया करोड़ों का ऑफर
Anand Mahindra Support to Ashay Bhave: 23 साल के आशय भावे के स्टार्टअप से उद्योगपति आनंद महिंद्रा (Anand mahindra) इतने इंप्रेस हो गए कि उन्होंने इस स्टार्टअप में फंडिंग करने का ऑफर दिया है. आइए बताते हैं कौन हैं आशय भावे.
नई दिल्ली. भारत के युवाओं के पास टैलेंट की कमी नहीं है. छोटी सी उम्र में लोगों ने आसमान छुआ है. इनमें से एक हैं 23 साल के आशय भावे (Ashay Bhave), जिनका स्टार्टअप कूड़े से जूते बनाता है. उनसे इंप्रेस होकर उद्योगपति आनंद महिंद्रा (Anand mahindra) ने इस स्टार्टअप में फंडिंग करने का ऑफर दिया है. आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर आशय भावे की जमकर तारीफ की.
ऐसे चला स्टार्टअप के बारे में पता
आनंद महिंद्रा (Anand mahindra) को आशय की इस क्रिएटिविटी के बारे में नॉर्वे के पूर्व डिप्लोमैट व मंत्री और पूर्व यूएन एनवायरमेंट चीफ Erik Solheim के ट्वीट से पता चला. Erik Solheim ने अपने ट्वीट में बिजनेस इनसाइडर का 'थैली' और आशय पर बेस्ड वीडियो शेयर किया है, साथ ही इस स्टार्टअप की जमकर तारीफ भी की है.
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आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर की तारीफ
उन्होंने ट्वीट करके कहा कि उन्हें शर्मिंदगी है कि वे इस प्रेरणादायक स्टार्टअप के बारे में नहीं जानते थे. उन्होंने कहा कि ये उस तरह के स्टार्टअप्स हैं, जिनके लिए हमें प्रोत्साहन देना चाहिए, केवल बड़े यूनिकॉर्न को नहीं. उन्होंने कहा कि वे एक जोड़ी जूते खरीदने वाले हैं. क्या कोई उन्हें इन्हें लेने का सबसे बेहतर तरीका बता सकते हैं. इसके साथ उन्होंने कहा कि और जब वे फंड जुटाते हैं, तो उन्हें भी शामिल कर लें.
जुलाई 2021 में शुरू किया था स्टार्टअप
बता दें आशय भावे ने जुलाई 2021 में इस स्टार्टअप की शुरुआत की थी. इसका नाम उन्होंने थैले रखा है. कंपनी ने 50 हजार से ज्यादा प्लास्टिक बैग (Plastic bag) और 35 हजार प्लास्टिक बोटल (Plastic bottle) से मैटेरियल का दोबारा इस्तेमाल किया है. दरअसल भावे के दिमाग में आइडिया तब हिट हुआ, जब वो साल 2017 में बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) की पढ़ाई कर रहे थे. उन्हें कॉलेज में ये प्रोजेक्ट मिला था, जिस पर उन्होंने काम किया था.
वेस्ट मटेरियल ये बनाते हैं जूते
आशय का स्टार्टअप वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी से कच्चा माल खरीदता है. प्लास्टिक बैग गर्मी और प्रेशर की मदद से एक फैब्रिक में बदले जाते हैं, जिन्हें ThaelyTex कहते हैं. फैब्रिक को शू के पैटर्न में काटा जाता है. प्लास्टिक बोटलों को एक फैब्रिक के तौर पर रिसाइकिल किया जाता है, जिसे rPET कहते हैं. इसे लाइनिंग, शू लेस, पैकेजिंग और दूसरे भागों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके एक जोड़ी जूतों को बनाने के लिए 12 प्लास्टिक बोटल और 10 प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल किया जाता है. ये चार वेरिएंट्स में आते हैं, जिनकी कीमत 99 डॉलर (7,000 रुपये) है.
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यूरोप और अमेरिका के बाजारों में उतारेंगे प्रोडक्ट्स
उनका ये आइडिया आज उन्हें काफी अच्छे मुकाम पर ले गया है. यानी अब वो काफी अच्छे और सफल बिजनेस मॉडल बन चुका है. हालांकि कंपनी जूतों के बाजार में Nike और Puma जैसे ब्रांड्स को तो बीट नहीं कर पाई है, लेकिन इस हुनर को आगे ले जाने के लिए कंपनी की जल्द यूरोप और अमेरिका के बाजारों में अपने प्रोडक्ट्स को बेचने की बड़ी योजना है.