आने वाले दिनों में गिरेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम! ये है बड़ा कारण
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आने वाले दिनों में गिरेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम! ये है बड़ा कारण

पिछले कुछ दिनों में देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम हुई हैं. लेकिन ये फिर भी सामान्य से ज्यादा हैं. ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने से पेट्रोल-डीजल अभी और गिर सकती हैं जिससे कि ग्राहकों को लाभ होने की उम्मीद है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतें आज भी चिंता का विषय है. हालांकि पिछले कुछ दिनों में तेलों के दामों में गिरावट तो देखने को मिली है लेकिन फिर भी यह कीमतें आम आदमी को परेशान ही कर रही हैं. फिलहाल इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है और जल्द ही इसका प्रभाव भारत पर भी देखने को मिल सकता है. भारत में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतें और कम हो सकती हैं. 

  1. कम हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
  2. क्रूड ऑयल की कीमतों में दर्ज की जा रही गिरावट
  3. दिवाली से पहले भी सरकार ने दी थी राहत 

क्रूड ऑयल के दामों में गिरावट

इस समय कच्चा तेल (ब्रेंट क्रूड) 80 डॉलर के नीचे आ गया है. इससे पहले ये अक्टूबर महीने की शुरुआत में 80 डॉलर के नीचे था. जिसके बाद इसमें तेजी देखी गई और ये अक्टूबर महीने के आखिर में 86 डॉलर के करीब पहुंच गया था. कच्चे तेल के दाम कम होने से पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी आ सकती है.

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ऐसे कम होंगे कच्चे तेलों के दाम

न्यूज एजेंसी Reuters की एक खबर के मुताबिक ओपेक प्लस देशों ने आगामी हफ्तों में कच्चे तेल के उत्पादन को बढ़ाने की बात कही है. उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में 20 लाख बैरल प्रोडक्शन रोजाना आधार पर ज्यादा होगा. इससे कच्चे तेल के दाम आने वाले दिनों में 75 डॉलर तक जा सकते हैं.

गौरतलब है कि उत्पादन के बढ़ने से डिमांड में कमी आएगी और डिमांड में कमी आने से कच्चे तेलों के दामों में गिरावट देखने को मिल सकती है जिसका प्रभाव भारतीय बाजार में भी देखने को मिल सकता है.

इतने गिरेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम

जानकारों की मानें तो कच्चे तेल की घटती कीमतों का फायदा पेट्रोलियम कंपनियां आम जनता को देती हैं तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में प्रति लीटर 2 से 3 रुपए तक की कमी हो सकती है. हालांकि अगर आने वाले दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपए कमजोर होता है तो पेट्रोल-डीजल का सस्ता होना मुश्किल हो सकता है.

पेट्रोल या डीजल की कीमतें मुख्य रूप से 4 कारकों पर निर्भर करती हैं.

  • कच्चे तेल की कीमत

  • रुपए के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की कीमत

  • केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वसूला जाने वाला टैक्स

  • देश में फ्यूल मांग

85% कच्चा तेल करता है आयात (Import)

भारत अपनी जरूरत का 85% से ज्यादा कच्चा तेल बाहर से खरीदता है. इस कच्चे तेल की कीमत का भुगतान डॉलर में किया जाता है. ऐसे में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने और डॉलर के मजबूत होने से पेट्रोल-डीजल महंगे होने लगते हैं. कच्चा तेल बैरल में आता है. एक बैरल यानी 159 लीटर कच्चा तेल होता है.

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दिवाली से पहले भी सरकार ने दी थी राहत 

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटाई थी. इसके बाद कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और लद्दाख इस पर वैट में कटौती कर चुके हैं. केंद्र और राज्य सरकार के इस साझा फैसले से आम आदमी को थोड़ी राहत मिली है.

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