नई दिल्लीः दुनिया में सबका सपना होता है कि उसका अपना घर हो. इस सपने को पूरा करने के लिए लोग जीवनभर मेहनत करते हैं और सपनों का आशियाना तैयार करते हैं. अगर आपने अपनी जिंदगी भर की कमाई से करोड़ों का घर खरीदा हो और उसकी दीवारें खोखली हो तो आपकी हालत क्या होगी. दरअसल, मुंबई में रहने वाली शिल्पी थार्ड ने वडाला में लोढ़ा ग्रुप के रेजीडेंसी कॉमप्लेक्स में 3 करोड़ की लागत से एक आलीशान फ्लैट खरीदा था, लेकिन जब इस फ्लैट की सच्चाई सामने आई तो उनके पैरों के नीचे की जमीन खिसक गई.


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शिल्पी ने अपने घर का एक वीडियो यूट्यूब में पोस्ट किया है. वीडियों में दिखाया गया है कि दीवार में एक मुक्का मारते ही दीवार में दरार पड़ जाती है. दूसरा मुक्का मारते ही दीवार में छेद हो जाता है. दीवार देखकर साफ प्रतीत होता है कि जैसे दीवार सीमेंट और ईंट की न होकर कार्डबोर्ड की बनी हो. आपको बता दें कि इस घर का निर्माण जिप्सम बोर्ड से किया गया था, जिसे ड्राईवाल या प्लास्टर बोर्ड भी कहा जाता है.



थर्ड पार्टी आर्कीटेक्ट ने बताई घर की असलियत
शिल्पी ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरे घर में ड्रेनेज का काम चल रहा है जब हमने एक थर्ड पार्टी आर्किटेक्ट से इसकी जांच कराई तो पता चला कि घर की दीवारें बहुत कमजोर हैं. इन दीवारों से पानी रिसने की संभावना बहुत ज्यादा है. उन्होंने बताया कि हमने पिछले साल ही घर का पजेशन लिया था और फ्लैट पहले से ही खराब स्थिति में था लेकिन लोढ़ा ग्रुप इस वीडियो को झूठा बता रहा है. शिल्पी का कहना है कि जब मैंने घर की दीवारों को बजाया तो इससे खोखले पन की आवाज साफ आ रही थी. शिल्पी ने बताया कि यह घर इतना कमजोर है कि इसकी दीवारें अलमारियों का भी बोझ नहीं सह सकतीं.


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आपको बता दें कि शिल्पी ने अपने दोस्त और एक्टिविस्ट कृष्णराज राव के माध्यम से एक लाइव डेमो दिया कि इस घर की दीवारें किस तरह कमजोर हैं. आर्किटेक्ट की रिपोर्ट में यह भी कहा गया 'बिल्डिंग अभी भी अधूरी है, उन्हें ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट कैसे मिल सकता है? एक्सटर्नल डक्ट की बजाय, घर के अंदर ड्रेनेज पाइप्स हैं. क्या हो अगर इन पाइप में कुछ समस्या आ जाए.' रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इस बिल्डिंह में कई अन्य उल्लंघन भी हैं. शिल्पी ने यह भी कहा कि उसने मुंबई पुलिस आयुक्त को भी लिखा है और डेवलपर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.