चार गुना बढ़ गए हैं टमाटर के दाम, जानिए और कितना महंगा होने की है संभावना
कीमतों में तेजी की सबसे बड़ी वजह यह है कि टमाटर की सप्लाई घटी है. दरअसल, हाल के दिनों में टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में अचानक बारिश और तेज गर्मी से टमाटर की फसल खराब हो गई है.
नई दिल्ली: महंगाई सिर्फ पेट्रोल और डीजल तक ही सीमित नहीं रह गई है. ये धीरे- धीरे अन्य वस्तुओं पर भी दिखने लगी है. ज्यादातर शहरों में टमाटर के दामों में अचानक तेजी देखी जा रही है. पिछले महीने भर में ही टमाटर के दामों में चार गुना इजाफा हो गया है. आने वाले दिनों में भी इसके दाम गिरने की कम ही उम्मीद जताई जा रही है.
शहरों में 80 रुपये किलो टमाटर
खुदरा बाजार से मिल रहे ताजा आंकड़ो के मुताबिक, दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद समेत अन्य शहरों में प्रति किलो टमाटर की कीमत 80 रुपये पहुंच गई है. एक महीने पहले टमाटर की कीमत 20 रुपये प्रति किलो थी. जानकारों का कहना है कि बरसात के इस मौसम में कीमत में गिरावट की संभावना कम है. आने वाले दिनों में कुछ हद तक कीमतें स्थिर रह सकती हैं.
क्यों बढ़ गई है कीमत?
कीमतों में तेजी की सबसे बड़ी वजह यह है कि टमाटर की सप्लाई घटी है. दरअसल, हाल के दिनों में टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में अचानक बारिश और तेज गर्मी से टमाटर की फसल खराब हो गई है. इसके अलावा दाम कम मिलने से हरियाणा के किसानों द्वारा धान की खेती के लिए टमाटर की फसल को खेतों में नष्ट कर दिया गया, जिससे मंडियों में आवक घट गई है.
दिल्ली समेत उत्तर भारत में टमाटर की सबसे ज्यादा सप्लाई हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से होती है. आजादपुर मंडी के टमाटर कारोबारी और सब्जी कारोबारी संघ के एक अधिकारी ने बताया कि दो सप्ताह पहले हरियाणा से बड़े पैमाने पर टमाटर की आवक हो रही थी. लेकिन अब हरियाणा से टमाटर की आवक घट रही है क्योंकि बारिश और तेज गर्मी से टमाटर की फसल को भारी नुकसान होने की खबर है.
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देश में सालाना 1.97 करोड़ लाख टन टमाटर का उत्पादन
उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, पंजाब, तमिलनाडु, केरल, जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश देश के कम टमाटर उत्पादन करने वाले राज्य हैं. वे आपूर्ति के लिए अधिक उत्पादन करने वाले राज्यों पर निर्भर करते हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में सालाना लगभग एक करोड़ 97 लाख टन टमाटर का उत्पादन होता है, जबकि खपत लगभग एक करोड़ 15 लाख टन है.