Telecom Regulatory Authority of India: दूरसंचार नियामक TRAI ने शुक्रवार को सार्वजनिक वाई-फाई सेवाएं प्रदान करने वाले सार्वजनिक डेटा कार्यालयों के लिए ब्रॉडबैंड कनेक्शन शुल्क को कम करने का प्रस्ताव दिया है. ट्राई का मानना है कि देश में सार्वजनिक वाई-फाई स्थलों की संख्या सरकार द्वारा परिकल्पित लक्ष्य संख्या से काफी कम है. ऐसे में वाई-फाई शुल्क को कम कर इसकी संख्या को बढ़ावा दिया जा सकता है.


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रेलवे प्लेटफॉर्म और सरकारी कार्यालयों जैसे सार्वजनिक जगहों पर लोगों को इंटरनेट इस्तेमाल करने में कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े इसके लिए सरकार ने वाई-फाई लगाने का फैसला लिया था.


भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने दूरसंचार शुल्क आदेश 2024 के मसौदे के अनुसार पाया कि 100 एमबीपीएस इंटरनेट लीज्ड लाइन टैरिफ का वार्षिक शुल्क खुदरा उपयोगकर्ताओं के लिए 100 एमबीपीएस फाइबर-टू-द-होम (एफटीटीएच) ब्रॉडबैंड कनेक्शन से 40-80 गुना ज्यादा है. 


स्थानीय दुकानों और खुदरा विक्रेताओं को मिलेगा फायदा


ट्राई ने कहा कि उसका मानना ​​है कि सार्वजनिक डेटा कार्यालयों (पीडीओ), विशेष रूप से स्थानीय दुकानों, खुदरा विक्रेताओं जैसी छोटी इकाइयों की आमतौर पर आमदनी कम होती है और उन्हें न तो आईएलएल कनेक्शन की जरूरत होती है और न ही वे बड़ी वाणिज्यिक संस्थाओं के लिए लागू उच्च बैकहॉल दरों का वहन कर सकते हैं. 


नियामक ने कहा, "प्राधिकरण का प्रस्ताव है कि पीएम-वाणी (वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस) योजना प्रदान करने के उद्देश्य से पीडीओ से खुदरा ब्रॉडबैंड (एफटीटीएच) कनेक्शनों की दर के समान शुल्क दर ली जा सकती है, जिस क्षमता के लिए सेवा प्रदाताओं द्वारा ग्राहकों को उक्त खुदरा दर की पेशकश की जा रही है."


(इनपुट-भाषा)