Unified Pension Scheme: सरकार ने शनिवार को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) योजना को मंजूरी दे दी है. इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि सरकारी कर्मचारी देश भर में लोगों की सेवा करते हैं और उनकी सामाजिक सुरक्षा में पेंशन अहम हिस्सा है. उन्होंने आगे कहा कि सरकारी कर्मचारियों की मांग थी कि NPS में सुधार की जाए, सरकार इस पर विचार कर रही थी. इसी क्रम में सरकार ने आज UPS को मंजूरी दे दी है.


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केंद्र सरकार के इस नई स्कीम को 1 अप्रैल से लागू करेगी. आइए जानते हैं कि UPS क्या है और इसमें कितना पैसा कटेगा. साथ ही हम यह भी जानेंगे कि इस स्कीम के तहत कब और किसे कितनी पेंशन मिलेगी.


क्या है UPS?


साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने OPS को खत्म कर NPS लाई थी. लेकिन सरकारी कर्मचारी NPS को लेकर लगातार उठाए रहे थे और समय-समय धरना प्रदर्शन कर रहे थे. मोदी सरकार ने अप्रैल 2023 में टीवी सोमनाथन की अगुवाई में एक कमेटी गठन की. इसी कमेटी ने सभी राज्य के वित्तीय सचिव, नेताओं और सैकड़ों कर्मचारी यूनियन से चर्चा कर केंद्र सरकार को UPS लागू करने की सिफारिशें की हैं.


केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने UPS लागू करने की घोषणा करते वक्त इसकी पांच खूबियां गिनाईं हैं.


OPS की तर्ज पर 50 फीसदी पेंशन की गारंटी


सरकार ने कहा है कि कर्मचारियों की मांग की थी कि उन्हें एक निश्चित पेंशन मिले. UPS के तहत कर्मचारी को रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन दिया जाएगा. हालांकि, इसके लिए शर्त यह है कि कर्मचारी 25 साल नौकरी की हो.


यानी अगर कोई कर्मचारी 25 साल की नौकरी के बाद रिटायर हो रहा है और उसका मूल वेतन 50 हजार है तो उसे 25 की पेंशन मिलेगी. वहीं, अगर कर्मचारी 25 साल से कम अवधि के लिए नौकरी की है तो उसी अनुपात में पेंशन मिलेगी.


परिवार को भी निश्चित पेंशन


अगर नौकरी करते हुए किसी कर्मचारी की मौत होती है तो उसके परिवार यानी पत्नी को 60 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा. यानी अगर कर्मचारी को 30 हजार पेंशन मिलती तो उसकी पत्नी को उसका 60 फीसदी यानी 18 पेंशन मिलेगी.


10 हजार से कम पेंशन नहीं


अगर कोई व्यक्ति कम से कम 10 साल की नौकरी करता है तो उसे 10 हजार रुपये प्रति महीना पेंशन दिए जाएंगे. यहां मूल वेतन का अनुपातिक नियम लागू नहीं होगी.


मिनिमम डियरनेस रिलीफ भी


UPS स्कीम में कर्मचारी और परिवार को मिनिमम डियरनेस रिलीफ का पैसा भी मिलेगा. यह पैसा ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स के अनुसार मिलेगा. OPS में इसे डियरनेस रिलीफ कहा जाता था.


ग्रैच्युटी के अलावा एकमुश्त पैसा भी


UPS में कर्मचारी को ग्रैच्यूटी के अलावा नौकरी छोड़ने पर एकमुश्त पैसा भी मिलेगा. यह कर्मचारियों के हर छह महीने की नौकरी पूरी करने पर उसके मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत के आधार पर होगी.


कितना कटेगा पैसा?


UPS में भी NPS की तरह ही कर्मचारियों को अपनी सलरी का 10 फीसदी अंशदान करना होगा. लेकिन सरकार जो पहले अपने फंड से 14 प्रतिशत देती थी, उसे बढ़ाकर अब 18 प्रतिशत दी गई है.


NPS को लागू करते समय कर्मचारी भी 10 फी सदी का अंशदान करते थे और सरकार भी 10 फीसदी का अंशदान करती थी. लेकिन 2019 में सरकारी अंशदान को 14 फीसदी कर दिया गया था.