मुंबई: आईसीआईसीआई बैंक के अध्यक्ष एमके शर्मा ने अपनी सीईओ चंदा कोचर के बचाव में उतरते हुए गुरुवार को कहा कि बोर्ड का सीईओ पर पूरा भरोसा है. साथ ही, उन्होंने वीडियोकॉन समूह को दिए ऋण को लेकर आरोपों को खारिज कर दिया है. पिछले दो दिनों में यह दूसरा मौका है जब बैंक कोचर के समर्थन में आया है.


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दरअसल, वीडियोकॉन समूह को मुहैया किए गए एक कर्ज में कोचर और उनके परिवार के सदस्यों की कथित संलिप्तता की खबरें आई हैं. शर्मा ने कहा कि बैंक ने कर्ज मंजूरी के लिए अपनी आंतरिक प्रक्रिया की समीक्षा की और उन्हें मजबूत पाया.


उन्होंने यहां संवादताओं को बताया कि बोर्ड इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि विभिन्न अफवाहों में लगाए गए आरोपों जैसी कोई गड़बड़ी/ भाई भतीजावाद/ हितों का टकराव नहीं है. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में किसी सवाल का भी जवाब नहीं लिया. उन्होंने कहा कि बैंक और इसके शीर्ष प्रबंधन की छवि खराब करने के लिए अफवाहें फैलाई जा रही हैं.


 



 


दरअसल, मीडिया रिपोर्ट में वीडियोकॉन समूह को समूह को कर्ज देने में कोचर और उनके परिवार के सदस्यों की भूमिका बताई गई थी. इन खबरों में यह भी कहा गया था कि कोचर के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को भेजी गई है.


बैंक ने कहा, ‘‘बोर्ड इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि कथित अफवाहों में लाभ के लिए कर्ज देने या हितों के टकराव का जो आरोप लगाया गया है उसका सवाल ही नहीं उठता.


बोर्ड ने बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर पर पूर्ण भरोसा जताया है. इसमें यह भी कहा गया है कि ये अफवाहें बैंक और उसके शीर्ष प्रबंधन को बदनाम करने के लिए फैलाई जा रही हैं. वीडियोकॉन समूह को कर्ज के बारे में बैंक ने कहा है कि यह ऋण बैंकों के गठजोड़ की व्यवस्था के तहत दिया गया था. बैंक ने कहा कि इस गठजोड़ में आईसीआईसीआई प्रमुख बैंक नहीं था. बैंक ने सिर्फ अपने हिस्से की ऋण सुविधा दी जो करीब 3,250 करोड़ रुपये बैठती है. यह अप्रैल, 2012 में गठजोड़ की कुल ऋण सुविधा का 10 प्रतिशत से भी कम बैठता है.