वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के लिए लोको पायलट में मारामारी, जानिए क्या हैं ट्रेन चलाने के नियम, जिनसे लोग हैं अनजान
Indian Railway Rules: वायरल वीडियो में लोको पायलट वंदे भारत चलाने के लिए केबिन में घुसने की जद्दोजहद कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि ट्रेन चलाने के क्या नियम हैं और किस ट्रेन को कौन पायलट चला सकता है.
Vande Bharat Train Loco Pilots Fight Video: आपने ट्रेन में यात्रियों के बीच सीटों के लिए मारामारी की स्थिति जरूर देखी और सुनी होगी. लेकिन यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि ट्रेन ड्राइवर यानी लोको पायलट भी वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के लिए मारामारी कर रहे हैं.
दरअसल, हाल ही में आगरा-उदयपुर के बीच शुरू हुई वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के लिए लोको पायलट के बीच हो रही मारामारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वायरल वीडियो में लोको पायलट वंदे भारत चलाने के लिए केबिन में घुसने की जद्दोजहद कर रहे हैं. ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण हो जाता है कि ट्रेन चलाने के क्या नियम हैं और किस ट्रेन को कौन पायलट चला सकता है.
लोको पायलट को निरंतर श्रेणी के कर्मचारी के अंतगर्त वर्गीकृत किया गया है. रेलवे कानून, 1989 की धारा 132 (2) निरंतर श्रेणी के तहत काम करने वाले कर्मचारियों चौदह दिन में दो छुट्टी के साथ औसतन 54 घंटे की ड्यूटी होती है. इसके अलावा ओवरटाइम करने पर कर्मचारियों को मुआवजा दिया जाता है.
कौन चला सकता है राजधानी एक्सप्रेस
रेल क्रू के मुताबिक, लोको पायलट को किसी विशेष लोकोमोटिव या ट्रेन के लिए नहीं भर्ती की जाती है. उन्हें आवश्यकतानुसार अलग-अलग ट्रेन चलाने दिया जाता रहता है. लेकिन आमतौर पर सभी मेल, सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों को ग्रेड ए और ए प्लस के लोको पायलट चलाते हैं.
ए और बी ग्रेड के ड्राइवर आमतौर पैसेंजर ट्रेन, शटल, डीएमयू और एमईएमयू चलाते हैं. बी ग्रेड के लोको पायलट अक्सर सहायक पायलट के रूप में होते हैं. सी ग्रेड पायलट आमतौर पर कभी भी एक्सप्रेस या मेल नहीं चलाते हैं.
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प्रमोशन और इंक्रीमेंट है इस मारामारी की वजह
लेकिन अच्छी ट्रेनें यानी राजधानी, दुरंतो और वंदे भारत जैसी ट्रेनें चलाने से लोको पायलट का इंक्रीमेंट और प्रमोशन बढ़िया होता है. यही वजह है कि वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के लिए लोको पायलट मारामारी कर रहे हैं.