नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव का ऐलान हो गया है. पहले चरण के लिए मतदान 11 अप्रैल को है. 23 मई को मतगणना होगी. ऐसे में सोशल मीडिया के जरिए फेक न्यूज फैलाने पर लगाम कसने की कवायद जारी है. फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप से कहा गया है कि वे फेक न्यूज को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएं. ऐसे में खबर है कि मोबाइल एप के जरिये मैसेजिंग सेवा देने वाली कंपनी व्हाट्सएप वायरल होने वाली सामग्रियों पर लगाम लगाने के लिये अभी और कदम उठाएगी. कंपनी के भारत में नये प्रमुख अभिजीत बोस ने बुधवार को यह बयान जारी किया.


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कंपनी ने पहली बार भारतीय कारोबार के लिये किसी वरिष्ठ कार्यकारी की नियुक्ति की है. उन्होंने कहा कि संदेशों की गोपनीयता सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक है. उन्होंने कहा कि साझा सुरक्षा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये कंपनी देश में सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम करेगी. बोस को कंपनी ने पिछले साल नवंबर में नियुक्त किया था. उन्होंने 2019 की शुरुआत में कार्यभार संभाला. वह इससे पहले ई-भुगतान कंपनी ईजीटैप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक थे.


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बोस ने घरेलू मीडिया कंपनियों को ईमेल भेजकर कहा, ‘‘हमारे सामने आने वाले सवालों में एक है कि देश में रह रहे हम सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में प्रौद्योगिकी क्या भूमिका निभा सकती है. हम उपयोक्ताओं को जागरूक करने तथा वायरल सामग्रियों को सीमित करने के कदम उठाकर उत्साहित हैं. यह काम कभी खत्म नहीं होगा, हम अभी और कदम उठा सकते हैं...हम उठाएंगे भी.’’ 


उन्होंने कहा कि वह आने वाले समय में स्थिति पर करीब से नजर रखेंगे और चीजों को सुनेंगे तथा साझा सुरक्षा लक्ष्य को पाने के लिये देश के सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम करेंगे. उल्लेखनीय है कि फर्जी खबरों और भ्रामक सूचनाओं के प्रसार को लेकर व्हाट्सएप सरकार के निशाने पर रही है. सरकार के दबाव के बाद कंपनी ने भ्रामक सूचनाओं एवं फर्जी खबरों पर लगाम लगाने के लिये कई कदम उठाये हैं.