भारत के विकास पर World Bank की मोहर, 7.3 फीसदी की ग्रोथ रेट का अनुमान
विश्व बैंक ने भारत के विकास दर पर संतुष्टि जाहिर करते हुए इस साल यह दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया है. विश्व बैंक की इस रिपोर्ट से सरकार को जीएसटी और नोटबंदी पर उंगली उठाने वाले विपक्ष को जवाब देने का मजबूत आधार हाथ लग गया है.
वॉशिंगटन : जब केंद्र सरकार बजट तैयार करने की कवायद में जुटी हुई है, ऐसे में विश्व बैंक की रिपोर्ट सरकार के उत्साह को और बढ़ाने वाली खबर लेकर आई है. विश्व बैंक ने भारत के विकास दर पर संतुष्टि जाहिर करते हुए इस साल यह दर 7.3 फीसदी रहने का अनुमान जारी किया है. विश्व बैंक की इस रिपोर्ट से सरकार को जीएसटी और नोटबंदी पर उंगली उठाने वाले विपक्ष को जवाब देने का मजबूत आधार हाथ लग गया है.
विश्व बैंक की रिपोर्ट
विश्व बैंक ने 'ग्लोबल इकोनॉमिक्स प्रोस्पेक्ट' रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में भारत की क्षमताओं पर भरोसा जताया गया है. बैंक ने कहा कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए लगातार नए प्रयोग कर रहा है और इन प्रयोगों के सकारात्मक नतीजे मिल रहे हैं. जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों से भारतीय अर्थव्यवस्था अन्य देशों के मुकाबले मजबूती और तेजी के साथ उभर रही है. विश्व बैंक ने कहा है कि भारत में वृद्धि की व्यापक संभावनायें मौजूद हैं और 2018 में उसकी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत तथा उसके बाद के दो वर्ष में 7.5 प्रतिशत रह सकती है. उसने कहा है कि भारत की मौजूदा सरकार व्यापक स्तर पर अहम सुधारों को आगे बढ़ा रही है.
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उभरती हुई अर्थव्यवस्था
विश्व बैंक के विकास संभावना समूह के निदेशक अयहान कोसे ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि कुल मिलाकर भारत दुनिया की दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले अगले एक दशक में उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने जा रहा है. उन्होंने कहा कि वह ऐसे में अल्पकालिक आंकड़ों पर गौर नहीं करना चाहते. वह भारत को लेकर वृहद तस्वीर देखना पसंद करेंगे और बड़ी तस्वीर यही है कि भारत तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है.
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चीन को पछाड़ देगा भारत
भारत में व्यापक संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि चीन के मुकाबले में विश्व बैंक को लगता है कि भारत की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ेगी, जबकि चीन की गति धीमी पड़ रही है. विश्व बैंक की रिपोर्ट के लेखक कोसे ने कहा कि पिछले तीन साल के वृद्धि के आंकड़े काफी स्वस्थ रहे हैं वर्ष 2017 में चीन की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही, यह आंकड़ा भारत की वृद्धि दर से 0.1 प्रतिशत ऊंचा था जबकि 2018 में चीन की वृद्धि दर का अनुमान 6.4 प्रतिशत लगाया गया है. उसके बाद अगले दो साल में वृद्धि दर मामूली गिरकर क्रमश: 6.3 प्रतिशत और 6.2 प्रतिशत रह सकती है.
विश्व बैंक ने की थी तारीफ
बीते साल नवंबर में देश की प्रति व्यक्ति आय में हो रही वृद्धि की तारीफ करते हुए विश्व बैंक की सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) क्रिस्टलीना जॉर्जिया ने कहा कि उन्हें इसमें शक नहीं कि भारत 2047 तक उच्च मध्यम आय वाला देश होगा, जब यह अपनी आजादी की सौंवीं वर्षगांठ मना रहा होगा. यहां प्रवासी भारतीय केंद्र में इंडियाज बिजनेस रिफॉर्म्स सम्मेलन में जॉर्जिया ने कहा, "पिछले तीन दशकों से भारत की प्रति व्यक्ति आय चार गुना बढ़ गई है. इसमें कोई शक नहीं है कि 2047 में जब भारत अपनी स्वतंत्रता का शताब्दी समारोह मना रहा होगा, उस समय यह एक उच्च-मध्य आय वाला देश होगा."