CBSE Board Exam 2024: सीबीएसई 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षा 2024 कल 15 फरवरी से शुरू होने वाले हैं. इन परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को इस साल की परीक्षाओं के लिए बोर्ड द्वारा किए गए बदलावों के बारे में पता होना चाहिए.


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नो ओवरऑल डिवीजन/ डिस्टिंक्शन/ एग्रीगेट


सीबीएसई ने साफ किया है कि वह बोर्ड परीक्षा में 10वीं, 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स को ओवरऑल डिवीजन या डिस्टिंक्शन या कुल मार्क्स की नहीं देगा. यदि किसी उम्मीदवार ने पांच से ज्यादा सब्जेक्ट लिए हैं, तो बेस्ट पांच सब्जेक्ट का निर्धारण करने का फैसला प्रवेश देने वाली संस्था या नियोक्ता का है.


बोर्ड परीक्षा 2024 में कंपीटेंसी बेस्ड सवाल


अकेडमिट सेशन 2023-24 के लिए, सीबीएसई ने एनईपी 2020 के मुताबिक, ज्यादा योग्यता-आधारित सवालों को शामिल करने के लिए मूल्यांकन को रिवाइज किया है, जिससे छोटे और लंबे जवाबों वाले सवाल पर फोकस कम हो जाएगा. कक्षा 10वीं की परीक्षाओं में, आधे (50 फीसदी) सवाल प्रॉबलम सॉल्विंग और एनालिसिस जैसे प्रक्टिकल स्किल का टेस्ट करेगा, जिसमें मल्टिपल चॉइस सवाल, सिनेरिओ और प्रदान किए गए कंटेंट पर बेस्ड सवाल शामिल होंगे.


क्लास 12 की परीक्षाओं के लिए, 40 फीसदी सवाल प्रक्टिकल स्किल का आकलन करेंगे, जो पिछले साल के 30 फीसदी से ज्यादा हैं. इन सवालों में मल्टिपल चॉइस क्वेश्चन और रीयल लाइफ सिनेरिओ या उपलब्ध कंटेंट पर बेस्ड सवाल शामिल होंगे. इसके अलावा, 20 फीसदी नंबर मल्टिपल चॉइस सवालों के लिए हैं. 


स्पोर्ट्स और ओलंपियाड पार्टिसिपेंट्स के लिए विशेष प्रावधान


सीबीएसई ने स्पोर्ट्स और ओलंपियाड में एक्टिव स्टूडेंट्स के लिए विशेष व्यवस्था शुरू की है. इन स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा छोड़े इन आयोजनों में हिस्सा लेने में मदद करने के लिए, बोर्ड विशेष परीक्षाओं की व्यवस्था करेगा. ये परीक्षाएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के मुताबिक आयोजित की जाएंगी. इसका लक्ष्य स्टूडेंट्स को उनकी पढ़ाई और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को बेलेंस करने में मदद करना है.


बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए मार्क्स डिस्ट्रीब्यूशन


कक्षा 10 और कक्षा 12 दोनों के मूल्यांकन में, हर सब्जेक्ट में मैक्सिमम 100 मार्क्स ला सकते हैं. ये नंबर थ्योरी, प्रक्टिकल, प्रोजेक्ट और इंटरनल के बीच बांटे गए हैं. थ्योरी पेपर में 80 नंबर होते हैं, जबकि शेष 20 नंबर प्रक्टिकल टास्क, प्रोजेक्ट वर्क या इंटरनल असेसमेंट के बीच बांटे जाते हैं.


भविष्य में एक बार से ज्यादा बोर्ड एग्जाम


शिक्षा मंत्रालय के नए करिकुलम गाइडलाइन्स के जवाब में, सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं के तरीके को बदलने का फैसला किया है. अब उन्हें राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के मुताबिक साल में दो बार आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य स्टूडेंट्स के तनाव को कम करना और ओवरऑल डिवेलपमेंट को बढ़ावा देना है. ये रिवाइज्ड एग्जाम प्रक्टिकल एप्लिकेशन्स पर ज्यादा फोकस करेंगी, जिससे स्टूडेंट्स को गंभीर और रचनात्मक रूप से सोचने के लिए मोटिवेट किया जाएगा. यह समायोजन न केवल स्टूडेंट्स को अपने ग्रेड में सुधार करने के लिए हर साल दो मौके प्रदान करता है बल्कि ओवरऑल शिक्षा को बढ़ाने के लिए समर्पण को भी दिखाता है.