IIT Seat Allotment: इस साल, जिन उम्मीदवारों को किसी भी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में सीट आवंटित की गई है, लेकिन वे संस्थान में उपस्थित नहीं होते हैं या पढ़ाई नहीं करते हैं, उन्हें भविष्य में JEE एडवांस्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. JEE एडवांस्ड परीक्षा भारत में IIT और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) जैसे संस्थानों में एडमिशन के लिए आयोजित की जाती है.


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इस साल जेईई मेन्स और एडवांस परीक्षा आयोजित करने वाले आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने साफ किया कि 2024 के सेशन में आईआईटी में प्रारंभिक कोर्सेज में शामिल होने वाले छात्र अभी भी जेईई एडवांस परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे.


इस साल एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत साइंस, गणित और रसायन विज्ञान जैसे सब्जेक्ट में ओलंपियाड में टॉप रैंक हासिल करने वाले छात्रों को आईआईटी कानपुर, आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी गांधीनगर समेत आईआईटी में एडमिशन के लिए भी विचार किया जाएगा. ओलंपियाड रैंक धारकों को शामिल करना एक नया कदम है जो इन प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करने वाले छात्रों को मान्यता देता है.


इस साल जेईई परीक्षा में बैठने के लिए पात्रता मानदंड में कुछ अहम नियम शामिल हैं. सबसे पहले, उम्मीदवारों का जन्म 1 अक्टूबर 2000 से पहले नहीं हुआ होना चाहिए. हालांकि, एससी/ एसटी कैटेगरी के उम्मीदवारों को आयु सीमा में पांच साल की छूट मिलेगी. इसके अलावा, जो उम्मीदवार 2022 से पहले अपनी इंटरमीडिएट परीक्षा दे चुके हैं, वे इस बार पात्र नहीं होंगे. इस साल किए गए प्रमुख बदलावों में से एक प्रयासों की संख्या पर सीमा लगाना है. प्रत्येक उम्मीदवार को JEE परीक्षा में बैठने के लिए केवल तीन मौके मिलेंगे. JEE मेन्स परीक्षा में पास होने वाले टॉप 2.5 लाख उम्मीदवार JEE एडवांस्ड परीक्षा देने के पात्र होंगे.


आरक्षण नियमों के मुताबिक हर कैटेगरी के लिए अलग-अलग मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी. इससे यह सुनिश्चित होता है कि अलग अलग बैकग्राउंड के उम्मीदवारों को आरक्षण मानदंड के आधार पर समान मौके मिले. हालांकि, यह अभी भी साफ नहीं है कि जिन उम्मीदवारों को पहले ही IIT में सीटें आवंटित की जा चुकी हैं, लेकिन वे शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें भविष्य में JEE मेन्स परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी या नहीं.


आधिकारिक नोटिस में यह साफ किया जाना बाकी है. इन बदलावों से प्रवेश प्रक्रिया में ज्यादा पारदर्शिता और निष्पक्षता आने की उम्मीद है, साथ ही अलग अलग बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स को भारत के टॉप इंजीनियरिंग संस्थानों में पढ़ाई करने के अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा.


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