CBSE vs JEE Main: संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मेंस) की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को अक्सर चुनौतीपूर्ण सवाल का सामना करना पड़ता है कि क्या जेईई मेन के लिए उनकी तैयारी के बाद सीबीएसई कक्षा 12 बोर्ड परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन हो सकता है. आमतौर पर, जेईई मेन सेशन 1 सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा शुरू होने से 2-3 सप्ताह पहले होता है.


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इंजीनियर की तैयारी करने वाले कई और आम जनता आमतौर पर यह मानते हैं कि जेईई मेन की तैयारी साइंस स्ट्रीम के लिए सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट पर पॉजिटिव प्रभाव डाल सकती है.


हालांकि, यह निर्धारित करना कि क्या जेईई की तैयारी कक्षा 12 सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में हाई स्कोर सुनिश्चित कर सकती है, एक जटिल सवाल है जिसका कोई सरल जवाब नहीं है. परिणाम अलग अलग कारकों पर निर्भर करता है.


जेईई मेन और सीबीएसई कक्षा 12 दोनों में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स के सब्जेक्ट कई कॉमन सब्जेक्ट शेयर करते हैं. इसका मतलब यह है कि यदि आप जेईई की तैयारी पर फोकस करते हैं, तो आप ऑटोमेटिकली सीबीएसई सिलेबस का एक अच्छा हिस्सा पढ़ लेंगे. हालांकि, यह समझना जरूरी है कि जेईई मेन्स स्पेसिफिक कॉन्सेप्ट पर अधिक डिटेल में बताता है और इसमें ज्यादा सब्जेक्ट भी शामिल हैं जो सीबीएसई कोर्सेज में नहीं पाए जाते हैं. इसके अलावा, सीबीएसई बोर्ड अंग्रेजी, हिंदी और अन्य ऑप्शनल सब्जेक्ट को कवर करते हैं, जो जेईई से मेल नहीं खाते हैं.


Impact of JEE Preparation on CBSE Scores
सकारात्मक प्रभाव: जेईई के लिए अच्छी तैयारी करने से निश्चित रूप से फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स की आपकी अंडरस्टेंडिंग में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे संभवतः आपके सीबीएसई बोर्ड के दौरान इन सब्जेक्ट में बेहतर स्कोर हो सकता है. जेईई की तैयारी में प्रक्टिकल अप्रोच आपके समस्या-समाधान कौशल को भी मजबूत कर सकता है, जो सीबीएसई परीक्षाओं के लिए फायदेमंद है.


निगेटिव इफेक्ट: हालांकि, केवल जेईई की तैयारी पर फोकस करने से आपके सीबीएसई बोर्डों में अन्य सब्जेक्ट की तैयारी कम हो सकती है, जो संभावित रूप से आपके ऑवरऑल स्कोर को प्रभावित कर सकती है. इसके अलावा, जेईई की तैयारी की फास्ट स्पीड और कंपटीशन का नेचर सीबीएसई परीक्षाओं के व्यापक संदर्भ के मुताबिक नहीं हो सकती है.