दिल्ली-एनसीआर में GRAP-4: क्या स्कूल ऑनलाइन चलेंगे? जानिए क्या है ग्रैप-4 और क्यों हुआ लागू
Delhi NCR GRAP 4: एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने पॉल्यूशन लेवल तेजी से बढ़ने के बाद सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप 4 लागू कर दिया है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या फिर से स्कूली बच्चों की क्लासेस ऑनलाइन चलेंगी?
GRAP-4 Enforced in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण और खराब वायु गुणवत्ता को देखते हुए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) ने GRAP (Graded Response Action Plan) के फोर्थ फेज को लागू कर दिया है. सोमवार को जारी आदेश के अनुसार, बढ़ते AQI स्तर (367) और विपरीत मौसम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. नवंबर से जनवरी तक खराब हवा की समस्या बढ़ने के चलते यह कदम उठाया गया.
कैसे होगा स्कूलों पर असर?
GRAP-3 में भी अब दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के स्कूल कॉलेजों को 5वीं क्लास तक हाइब्रिड मोड पर चलाने के आदेश दिए गए थे. अब ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-4 लागू कर दिया गया है.इसके तहत 11वीं क्लास तक के स्कूलों के लिए हाइब्रिड मोड अपनाने का आदेश दिया गया है. इसका मतलब है कि बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन और फिजिकल (जहां भी ऑनलाइन मोड संभव हो) दोनों माध्यमों से हो सकती है. हालांकि, ऑनलाइन क्लासेस का ऑप्शन स्टूडेंट्स और पेरेंट्स पर डिपेंड करेगा. यह सुविधा दिल्ली और एनसीआर के अन्य जिलों जैसे गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बौद्ध नगर में लागू की गई है.
ऑनलाइन मोड पर बड़ा सवाल?
हालांकि, एयर क्वालिटी पैनल ने ऑनलाइन मोड की सिफारिश की है, लेकिन यह जरूरी नहीं है, क्योंकि यह फैसला स्टूडेंट्स और पेरेंट्स की सहूलियत पर निर्भर करेगा. NCR की राज्य सरकारें 11वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए हाइब्रिड मोड में पढ़ाई शुरू करने पर विचार कर रही हैं.
क्या है ग्रैप-4?
ग्रैप-4 के तहत 6 से 9वीं तक और 11वीं क्लास को भी दिल्ली-एनसीआर में हाइब्रिड मोड पर चलाया जाएगा. वहीं, दिल्ली-एनसीआर की राज्य सरकारों अपने पब्लिक ऑफिस और म्युनिसिपल बॉडीज के ऑफिस की टाइमिंग में GRAP-3 के तहत बदलाव करना होगा.
GRAP-4 के तहत क्या-क्या बैन है?
कारखानों, निर्माण कार्यों और यातायात पर कड़ी पाबंदियां रहेगी. दिल्ली में ट्रक लोडर समेत अन्य भारी वाहनों को एंट्री नही दी जाएगी. हर तरह के निर्माण और तोड़फोड़ वाले कामों पर बैन रहेगा. 10वीं और 12वीं की क्लासेस को छोड़कर सभी स्कूलों को बंद करने , सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम देने के निर्देश दिए जाते हैं. कच्ची सड़कों पर आवागमन निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों पर रोक रहेगी. खुले में कचरा जलाने पर पाबंदी, पॉलीथिन और पॉल्यूशन बढ़ाने वाली चीजों के इस्तेमाल भी रोक लगा दी जाएगी.
बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान क्यों?
प्रदूषण का बच्चों की सेहत पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है. AQI के खतरनाक लेवल पर पहुंचने से सांस और दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं. इसलिए, स्कूलों के लिए हाइब्रिड मोड का सुझाव दिया गया ताकि बच्चों को अनावश्यक प्रदूषण का सामना न करना पड़े.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि GRAP-4 को लागू करना सही कदम है, लेकिन यह लंबे समय तक समस्या का समाधान नहीं है. स्थायी समाधान के लिए प्रदूषण के स्थायी स्रोतों पर रोक लगानी होगी, जैसे- निर्माण कार्य, उद्योगों से निकलने वाला धुआं और वाहनों का उत्सर्जन.
स्कूलों की तैयारियां क्या हैं?
दिल्ली और एनसीआर के कई स्कूलों ने GRAP-4 लागू होने के बाद अभिभावकों को बच्चों की उपस्थिति के लिए विकल्प देने शुरू कर दिए हैं. कई स्कूलों में ऑनलाइन क्लास की सुविधाएं पहले से ही तैयार हैं.
अब आगे क्या होगा?
GRAP-4 के लागू होने के बाद यह देखना होगा कि सरकार और स्कूल इसे किस तरह से क्रियान्वित करते हैं. छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे घर पर रहें और जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें.
ग्रैप के लेवल
नवंबर से जनवरी के बीच पॉल्यूशन लेवल बहुत हाई होता है, जिसके हिसाब से GRAP के अलग-अलग लेवल लागू किए जाते हैं.
AQI लेवल 201 से 300 के बीच होने पर GRAP-1
AQI लेवल 301 से 400 के बीच हो तो GRAP-2
AQI लेवल 401 से 450 तक होने पर GRAP-3
AQI लेवल 450 से ज्यादा होने पर GRAP-4 लागू किया जाता है.