‘देश का हर दूसरा युवा नौकरी के लायक नहीं’ आर्थिक सर्वेक्षण में बताई वजह
Skill Development Vocational Training: अक्सर लोगों को लगता है कि स्किल डेवलपमेंट उन लोगों के लिए आखिरी ऑप्शन है जो पढ़ाई में आगे नहीं बढ़ पाए या बीच में पढ़ाई छोड़ दी.
Employability Crisis: भारत को तो बहुत समय पहले से अपने युवाओं की तादाद का फायदा उठाना शुरू कर देना चाहिए था. लेकिन, आर्थिक सर्वे 2023-24 की रिपोर्ट के मुताबिक देश की आबादी युवा है, "औसत उम्र 28 साल है" इसके बावजूद, अभी तक इस युवा तादाद का पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है. ऐसा क्यों? क्योंकि भारत में हर दो ग्रेजुएट्स में से एक, स्किल की कमी के कारण नौकरी के लायक नहीं माना जाता.
हाल ही में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में बताया गया है कि भारत में सिर्फ 51.25 फीसदी ग्रेजुएट ही नौकरी के लायक समझे जाते हैं. ये पिछले दशक के 34 फीसदी से जरूर बेहतर है, लेकिन ये आंकड़ा बताता है कि स्किल की कमी अभी भी एक बड़ी समस्या है.
"आर्थिक सर्वेक्षण" के अनुसार, "भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है, जिसकी औसत उम्र 28 साल है. ऐसे में भारत अपने युवाओं का फायदा उठा सकता है, बशर्ते उन्हें ऐसी ट्रेनिंग दी जाए जिससे वे नौकरी के लायक बनें और इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा कर सकें. बेहतर स्किल और हायर लेवल की शिक्षा से देश को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के जॉब मार्केट में आने वाली चुनौतियों और मौकों का सामना करने में मदद मिलेगी."
भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और इसका 65 फीसदी हिस्सा 35 साल से कम आयु का है, लेकिन उनके पास 2025 तक मोदी सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के सपने को पूरा करने के लिए स्किल नहीं है. एजुकेशन और मार्केट को जिस स्किल की जरूरत है, उसके बीच एक जरूरी बेमेल है.
युवा स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग का ऑप्शन नहीं चुनते
स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय की 2022-23 की रिपोर्ट में पाया गया कि NSSO के 2011-12 के सर्वेक्षण के मुताबिक, रोजगार योग्य आयु (15 से 59 साल) के बहुत कम भारतीयों को फॉर्मल ट्रेनिंग मिली है. आंकड़ों से पता चला है कि लगभग 2.2 फीसदी लोगों को फॉर्मल वोकेशनल ट्रेनिंग मिली और 8.6% लोगों को नॉन-फॉर्मल वोकेशनल ट्रेनिंग मिली.
हालांकि हाल के सालों में स्किल डेवलपमेंट के बारे में लोगों की राय पॉजिटिव हुई है, लेकिन स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय की रिपोर्ट में ये भी पाया गया कि स्किल सीखने के बारे में आम लोगों की सोच में एक तरह का गलत नजरिया है.
अक्सर लोगों को लगता है कि स्किल डेवलपमेंट उन लोगों के लिए आखिरी ऑप्शन है जो पढ़ाई में आगे नहीं बढ़ पाए या बीच में पढ़ाई छोड़ दी. साथ ही, 20 से ज्यादा मंत्रालयों और विभागों में मजबूत तालमेल और मॉनिटरिंग सिस्टम की कमी स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को प्रभावी बनाने में बाधा डालती है.
YOUTH UNEMPLOYMENT DECLINING
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, युवा बेरोजगारी की दर (15 से 29 साल) घटी है, हालांकि अभी भी भारत के आधे ग्रेजुएट बेरोजगार हैं. यह दर 2017-18 में 17.8 फीसदी थी जो 2022-23 में घटकर 10 फीसदी हो गई है.
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों के मुताबिक, युवाओं के रोजगार में बढ़ोतरी हुई है. यह बढ़ोतरी युवा आबादी में इजाफे के साथ ही देखी गई है. इसका सबूत ये है कि ईपीएफओ में नए खाताधारकों में से लगभग दो-तिहाई 18 से 28 साल के आयु वर्ग के हैं.
फिर भी, इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि 'सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी' (सीएमआईई) के अनुसार, 2024 की शुरुआत में 20-24 साल के युवाओं की बेरोज़गारी दर बढ़कर बहुत ज्यादा, 44.49% हो गई थी. वहीं, 2022-23 में 15-29 साल के लगभग 16 फीसदी शहरी युवा स्किल की कमी और अच्छी नौकरियों की कमी के कारण बेरोज़गार थे.
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