Board Exam Preparation 2024: इस साल 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे स्टूडेंट्स जोर शोर से एग्जाम की तैयारी में लग गए हैं. हालांकि, पढ़ाई करते समय अक्सर बच्चों के मन में ये सवाल जरूर आता है कि परीक्षा की तैयारी किस तरह से करनी चाहिए, ग्रुप स्टडी करके या सेल्फ स्टडी. अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल आते हैं तो आइए जानते हैं कि परीक्षा की तैयारी का कौन सा तरीका ज्यादा बेहतर है...


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सभी का होता है अपना तरीका
हालांकि, इस मसले पर बहस ही बेकार है कि समूह अध्ययन छात्रों के लिए ज्यादा बेहतर है या फिर एकल, क्योंकि हर बच्चें की अपनी जरूरतें होती हैं. सबका पढ़ने-समझने और ग्रहण करने का तरीका अलग होता है. 


पहले करें सेल्फ स्टडी
बोर्ड परीक्षा के लिए तैयारी शुरुआत आपको सेल्फ स्टडी से ही करनी चाहिए. एक तय समय तक तैयारी करें, उसके बाद ही ग्रुप स्टडी के बारे में सोचें. शुरू में ही ग्रुप स्टडी करने लग जाएंगे तो तैयारी नहीं हो पाएगी. 


फिर कॉन्सेप्ट क्लियर करें
अपनी तैयारी करने के बाद उससे जुड़े डिस्कशन कर, टॉपिक्स को बेहतर तरीके से समझने और कॉन्सेप्ट क्लियर के लिए ग्रुप स्टडी फायदेमंद होती है. इससे आपको दोस्तों का परसपेक्टिव पता चलता है और अगर कुछ मिस हो गया तो समय रहते पता चल जाता है.


आपकी तैयारी पक्की हो जाती है
ग्रुप स्टडी करने से उन पहलुओं के बारे में पता चलता है, जिन पर आपका ध्यान नहीं जाती. इससे रिवीजन बढ़िया हो जाता है, जिससे आपकी तैयारी एकदम पक्की हो जाती है.


कॉन्फिडेंस लेवल
अच्छा परफॉर्म करने से कॉन्फिडेंस बढ़ता है और तैयारी में कम लगती है तो कॉन्फिडेंस कम भी हो सकता है. ऐसे में सोच-समझकर ग्रुप स्टडी का हिस्सा बने.


ग्रुप स्टडी का ड्रॉबैक
कई बार बच्चे ग्रुप स्डटी में खुद को कम आंकने लगते हैं, इसलिए सेल्फ डाउट आ जाता है. ऐसे में जितनी तैयारी करते हैं, उससे भी जाते हैं.
 
ग्रुप स्टडी से बढ़ते हैं डिस्ट्रैक्शन के चांस 
जब ज्यादा लोग साथ में होते हैं तो विषय से हटकर बातें शुरू हो जाती हैं. ऐसे में ग्रुप स्टडी तभी करें जब आप सभी अनुशासन का पालन कर सकें.  अगर एक भी बच्चा लापरवाह हुआ तो पूरे ग्रुप का समय बर्बाद कर सकता है, इस बारें में भी सोच लें.


सभी का नेचर अच्छा नहीं होता
कई बार स्टूडेंट पढ़ने और अनुशासन में भी ठीक होते हैं, लेकिन वे जानकर आपको गलत सलाह देंगे या आने पर भी छिपाएंगे. इन चीजों को समझकर ही अपना ग्रुप चुनें.


क्षमताओं के बेस पर तय करें
ग्रुप स्टडी में जल्दी बोरियत नहीं होती, नींद नहीं आती और घंटों के बीतने के साथ ही सिलेबस कैसे कवर हो जाता है पता ही नहीं चलता. अकेले पढ़ने में ये टारगेट पूरा न हो ग्रुप में हो जाता है. सेल्फ स्टडी बेस्ट है या ग्रुप स्टडी ये आपकी कैपेसिटी पर डिपेंट करता है. हालांकि, जब तैयारी एक लेवल तक हो जाए तो ग्रुप के साथ चर्चा करें, लेकिन इसे नियम न बनाएं, क्योंकि दूसरों पर निर्भर रहना ठीक नहीं है.