Period Leave for Students: छत्तीसगढ़ में हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एचएनएलयू) ने अपनी स्टूडेंट्स के लिए पीरिएड की घोषणा कर दी है. शिक्षण संस्थान के प्रवक्ता ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने अपनी मासिक धर्म अवकाश नीति लागू की है जो इस साल एक जुलाई से प्रभावी हो गई है.


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यूनिवर्सिटी द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि यह लीव पॉलिसी एचएनएलयू ‘हेल्थ शील्ड’ पहल का हिस्सा है. एचएनएलयू के कुलपति प्रोफेसर वी.सी. विवेकानंदन ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘इस लीव पॉलिसी का एग्जीक्यूशन यूनिवर्सिटी में छात्राओं की विशेष जरूरतों को समझने और उन्हें सपोर्ट देने के लिए है. इस पॉलिसी के सपोर्ट के लिए हम अकादमिक परिषद का धन्यवाद करते हैं.’’


प्रेस रिलीज में कहा गया है कि, ‘‘छात्राएं हर महीने में पढ़ाई के दिनों के दौरान एक दिन के छुट्टी का दावा कर सकती हैं. परीक्षा के दिनों में ‘बेड रेस्ट’ की जरूरत के वेरिफिकेशन पर ऐसी छूट को बढ़ाया जा सकता है." इसमें कहा गया है कि इसके अलावा, अनियमित मासिक धर्म से पीड़ित छात्राएं प्रति सेमेस्टर, प्रति सब्जेक्ट 6 छुट्टी का दावा कर सकती हैं.


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आपको बता दें कि लॉ यूनिवर्सिटी के अलावा सिक्किम हाई कोर्ट ने देश में पहली बार एक अनूठा कदम उठाते हुए अपने रजिस्ट्री की महिला कर्मचारियों के लिए पीरिएड लीव की पॉलिसी शुरू कर दी है. 27 मई को एक नोटिफिकेशन में, सिक्किम हाई कोर्ट रजिस्ट्री ने कहा कि महिला कर्मचारी एक महीने में "2-3 दिन की पीरिएड लीव" ले सकती हैं. हालांकि, इस तरह की छुट्टी केवल हाई कोर्ट के मेडिकल अधिकारी की पूर्व सिफारिश पर ही दी जाएगी.


नोटिफिकेशन में कहा गया कि, "इस छुट्टी को कर्मचारी की कुल छुट्टी अकाउंट में शामिल नहीं किया जाएगा." उच्च न्यायालय की वेबसाइट के मुताबिक, देश के सबसे छोटे उच्च न्यायालय, सिक्किम HC में तीन न्यायाधीश हैं, और रजिस्ट्री में केवल 9 अधिकारी हैं, जिनमें एक महिला अधिकारी भी शामिल है.


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