शौक राजनीति का, लेकिन बन गए सरकारी अधिकारी, पढ़िए UPSC में 13वीं रैंक हासिल करने वाले IAS नमित मेहता की कहानी
IAS Story: यूपीएससी पास करके देश के प्रतिष्ठित पदों पर काम करने का मौका मिलता है. इसमें भी टॉप रैंकर्स को आईएएस-आईपीएस पद देकर पूरे जिले का कार्यभार सौंपा जाता है, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत लगती है. पढ़िए एक ऐसे ही IAS की कहानी...
IAS Namit Mehta Success Story: आपने बहुत से आईएएस और आईपीएस ऑफिसरों के बारे में पढ़ा होगा कि कैसे उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा पास करके इस प्रतिष्ठिट पद पर पहुंचने में कामयाबी हासिल की. ऐसे ही एक आईएएस अफसर हैं नमित मेहता, जिन्होंने इस कठिन परीक्षा में न केवल सफलता पाई, बल्कि टॉप रैंक भी हासिल की थी. वह एक छात्र थे नेता, जो आज देश की सबसे प्रतिष्ठित सरकारी सेवा में पहुंच गए. चलिए जानते हैं कौन हैं नमित मेहता और कैसा था उनका यूपीएससी क्वालिफाई कर आईएएस बनने तक का सफर?
इस वजह से रहते हैं सुर्खियों में
आईएएस नमित मेहता एक ऐसे कलेक्टर हैं, जो कभी भी सरकारी स्कूलों में सरप्राइज इंस्पेक्शन के लिए पहुंच जाते हैं और स्टूडेंट्स को क्लास भी ले लेते हैं. यहां क्लास लगाने से हमारा मतलब डांट लगाने से नहीं, बल्कि पढ़ाने से हैं. हाल ही में भीलवाड़ा कलेक्टर इसी वजह से सुर्खियों में रहे, जब वह राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने 11वीं की कॉमर्स स्टूडेंट्स को 'प्राइवेट पब्लिक एंड ग्लोबल एंटरप्राइज' टॉपिक पढ़ाने लगे. इतना ही नहीं कलेक्टर सर ने छात्राओं को अपने शौक को निखारने की भी सलाह दी.
कहां से की है पढ़ाई-लिखाई?
नमित मेहता 2012 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस ऑफिसर हैं. जोधपुर के रहने वाले नमित पाली से विधायक रहे माणक मेहता के पोते और आरएफसी में अफसर रहे कमल मेहता के बेटे हैं. IAS ऑफिसर नमित मेहता ने जोधपुर यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में पीजी किया है. कॉलेज के दिनों में नमित छात्र नेता और यूनिवर्सिटी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट भी थे. इसके बाद वह अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन किस्मत उन्हें किसी और ही दिशा में ले गई. हुआ यूं कि 2-3 साल चुनाव नहीं होने के चलते नमित ने अपना प्लान ड्रॉप करना पड़ा और फिर उन्होंने सीए और सीएस की पढ़ाई कंप्लीट की. इतना ही नहीं नमित ने साल 2008 में सीए, सीएस और आईसीडब्ल्यूए एक साथ पास की. इस तरह वह चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी के लिए एलिजिबल हो गए.
2010 में भी आईएएस में हुआ था चयन
इसके बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. इस समय तक नमित की शादी हो चुकी थी. नमित ने साल 2010 में यूपीएससी सिविल सेवा का अपना पहला अटैम्प्ट दिया और 430वीं रैंक हासिल की. इस रैंक पर उनका चयन भारतीय राजस्व सेवा के लिए हुआ. हालांकि, वह आईएएस ही बनना चाहते थे, तो उन्होंने खुद को दूसरा मौका देने का सोचा. इस तरह नमित ने साल 2011 में यूपीएससी की परीक्षा में 13वीं रैंक लाकर इतिहास रच दिया.
लाखों के लिए बने प्रेरणा
आईएएस नमित मेहता 2012 में जैसलमेर के कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट बने. इसके बाद उनका ट्रांसफर बीकानेर में हुआ और यहां भी कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट के तौर पर चार्ज लिया. इसके अलावा नमित पाली के जिला कलेक्टर भी रहे. इस तरह मेहनत के दम पर उन्होंने अपनी जिंदगी में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की और आज वह लाखों युवाओं के लिए एक इंस्पिरेशन हैं.