IAS Shruti Sharma Success Story: पूरे भारत से लाखों कैंडिडेट्स हर साल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा की तैयारी के लिए निकलते हैं, जो निस्संदेह देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) या भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) जैसे प्रतिष्ठित संगठनों में शामिल होने की इच्छा के साथ उनके लक्ष्य ऊंचे हैं, लेकिन यूपीएससी की गहन चयन प्रक्रिया से पार पाना कोई आसान उपलब्धि नहीं है - बहुत कम उम्मीदवार प्री एग्जाम से मेंस एग्जाम और अंततः इंटरव्यू राउंड तक आगे बढ़ने में सक्षम होते हैं.


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जब एक नंबर से रह गईं थीं


आईएएस श्रुति शर्मा के सामने क्या स्थिति थी? जिनकी प्रतिबद्धता और दृढ़ता इस प्रयास में कई लोगों के संघर्ष और जीत का प्रतिनिधित्व करती है. भले ही उन्होंने अपनी पूरी तैयारी में जी-जान लगा दी, लेकिन वह साक्षात्कार कॉल में मामूली अंतर से चूक गई - केवल एक नंबर से. इतनी नजदीक चूक की पीड़ा से उनका संकल्प टूट सकता था. फिर भी, श्रुति ने नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की अपनी इच्छाशक्ति के लिए निराशा को फ्यूल के रूप में इस्तेमाल करके कठिनाई पर काबू पा लिया.


फिर आई ऑल इंडिया रैंक 1


अपनी पहली असफलता से विचलित हुए बिना, श्रुति अटूट दृढ़ संकल्प के साथ एक नए टारगेट पर निकल पड़ीं. वह अपने दूसरे अटेंप्ट में अखिल भारतीय रैंक (एआईआर)-1 हासिल करके सफलता के शिखर पर पहुंच गईं, जो उनकी दृढ़ता और अटूट भावना का प्रमाण है. निराशा के चरम से उपलब्धि के शिखर तक की उनकी अविश्वसनीय यात्रा में देश भर के उम्मीदवारों को प्रेरणा और आशा मिलती है.


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यहां से की है पढ़ाई


उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में पली-बढ़ीं श्रुति शर्मा ने अपने एकेडमिक करियर के दौरान कई प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लिया, जिनमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), दिल्ली का सरदार पटेलविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय का सेंट स्टीफंस कॉलेज शामिल हैं. फिर भी, जनता की सेवा करने के उनका सपना उन्हें जामिया मिलिया इस्लामिया आवासीय कोचिंग एकेडमी के हॉल में ले गया, जहां उन्होंने अपनी क्षमताओं को निखारा और अपने सपनों को बढ़ावा दिया.


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