IAS Taruni Padey UPSC Strategy: भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा, इसके तीन फेज: प्रारंभिक, मुख्य और इंटरव्यू को पास करने के लिए अथक समर्पण और रणनीतिक तैयारी की जरूरत होती है. जबकि कई उम्मीदवार कोचिंग सेंटरों पर भरोसा करते हैं, कुछ अपने खुद के रास्ते बनाते हैं. ऐसा ही एक उदाहरण IAS अधिकारी तरुणी पांडे हैं, जिनके सेल्फ स्टडी और यूट्यूब वीडियो से उन्हें केवल चार महीनों में UPSC प्रारंभिक परीक्षा पास करने में मदद की - एक ऐसी उपलब्धि जो UPSC कैंडिडेट्स को मोटिवेटी करती रहती है.


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पश्चिम बंगाल के चित्तरंजन से आने वाली और झारखंड के जामताड़ा में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने वाली तरुणी ने इग्नू से अंग्रेजी साहित्य में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. ​​छोटी उम्र से ही वह डॉक्टर बनने का सपना देखती थीं, यह लक्ष्य उन्होंने कक्षा 3 से ही तय कर रखा था. हालांकि, उनकी यात्रा ने एक अप्रत्याशित मोड़ ले लिया.


एमबीबीएस की डिग्री के लिए पढ़ाई करते समय, स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के कारण उन्हें दूसरे साल में ही अपनी मेडिकल की पढ़ाई छोड़नी पड़ी. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और नए फील्ड में आगे बढ़ने का फैसला किया और आखिरकार प्रतिष्ठित यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पर अपनी नजरें टिकाईं.


तरुणी के जीवन में एक महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब उनके जीजा की मृत्यु हो गई. अपनी बहन के साथ अलग अलग सरकारी ऑफिसों में जाते हुए, उन्होंने लोगों के जीवन पर राजनेताओं और नौकरशाहों के महत्वपूर्ण प्रभाव को देखा. इस एक्सपीरिएंस ने एक नई महत्वाकांक्षा को जगाया: एक सिविल सेवक के रूप में देश की सेवा करना और सार्थक परिवर्तन लाना.


2020 में यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा देने के लिए दृढ़ संकल्पित तरुणी को एक बड़ी बाधा का सामना करना पड़ा, जब परीक्षा से ठीक चार दिन पहले उन्हें कोरोना हो गया. इस बाधा के बावजूद, उन्होंने आगे बढ़ना जारी रखा, क्योंकि उन्हें पता था कि जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा के कारण 2021 में उनका अगला प्रयास उनका आखिरी प्रयास होगा.


2021 में, उनकी दृढ़ता का फल तब मिला जब उन्होंने यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 14वीं रैंक हासिल की - और वह भी बिना किसी कोचिंग के. तरुणी ने परीक्षा में सफलता पाने के लिए अपने खुद के सावधानीपूर्वक तैयार किए गए नोट्स और ऑनलाइन संसाधनों, खासकर यूट्यूब पर भरोसा किया. प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी के लिए सिर्फ चार महीने का समय होने के बावजूद, उन्होंने टेक्स्टबुक की नॉलेज को वीडियो कंटेंट के साथ मिलाकर एक स्किल्ड स्टडी प्लान तैयार किया.


उनकी कहानी फ्लैक्सिबिलिटी और संसाधनशीलता का एक प्रमाण है, जो साबित करती है कि दृढ़ संकल्प और इनोवेटिव प्रिपरेशन स्ट्रेटजी उम्मीदवारों को सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी सफल होने में मदद कर सकती हैं. तरुणी पांडे की जर्नी उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो सभी बाधाओं के बावजूद यूपीएससी को पास करने की आकांक्षा रखते हैं.


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