UPPSC Aspirants Protest: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के 'पीसीएस-प्री' और 'आरओ-एआरओ' की परीक्षा दो दिन में खत्म कराने के निर्णय के विरोध में कैंडिडेट्स ड्रम, ढोल-ताशे आदि बजाकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. आज पुलिस ने विरोध प्रदर्शन में शामिल दो नामजद व कई अन्य युवाओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर दर्ज कर ली है. इसके अलावा कोचिंग की लाइब्रेरी बंद करा रहे 11 छात्रों को भी कैंट थाना पुलिस ने हिरासत में लिया है. वहीं पुलिस ने होर्डिंग फाड़कर छात्रों को भड़काने के आरोप में अभिषेक शुक्ला और राघवेंद्र के खिलाफ नामजद और 10 अन्य अज्ञात युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.


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नामजद युवकों व अन्य पर आरोप है कि वह प्रतियोगी छात्रों के बीच अराजकता फैला रहे थे. नामजद युवक राघवेंद्र यादव के खिलाफ कुल 18 मुकदमे दर्ज हैं. हिरासत में लिए गए साथियों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं प्रतियोगी छात्र नाराजगी जता रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिस के दम पर उनके आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है.


आंदोलनकारी छात्रों ने रात खुले आसमान के नीचे गुजारी और फिर से धरना प्रदर्शन में जुट गए तथा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के खिलाफ नारेबाजी की. इ बीच, उप्र लोक सेवा आयोग ने एक बयान जारी कर कहा, "समय-समय पर प्रतियोगी छात्रों के आग्रह पर बदलते समय की जरूरतों को देखते हुए व्यवस्था/ परीक्षा प्रणाली में सुधार किया जाता रहा है."


 


आयोग ने कहा, "अभ्यर्थियों की सुविधा के मद्देनजर पीसीएस की मुख्य परीक्षा से ऑप्शनल सब्जेक्ट हटाने का निर्णय किया गया. इसी तरह से, अभ्यर्थियों की 'स्केलिंग' हटाने की मांग भी पूरी की गई." दो या दो से ज्यादा शिफ्ट में परीक्षा को लेकर आयोग ने कहा, "उच्चतम न्यायालय द्वारा नीट परीक्षा के लिए गठित राधाकृष्णन समिति ने भी दो शिफ्ट में परीक्षा कराने की सिफारिश की है. वहीं, पुलिस भर्ती परीक्षा कई शिफ्ट में कराई गई."



इस बीच, एक छात्र गणेश सिंह ने बताया कि आयोग के सचिव अशोक कुमार दो बार आयोग के गेट से बाहर आए और उन्होंने आंदोलन कर रहे छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र "एक दिन, एक परीक्षा" की अपनी मांग पर अड़े हैं. उन्होंने कहा कि आयोग को आखिर छात्रों की मांग मानने में क्या परेशानी है. गणेश ने कहा कि छात्र लगातार संघर्ष कर रहे हैं और आयोग अपने रुख पर अड़ा है. उन्होंने कहा कि अगर संघ लोक सेवा आयोग एक ही दिन में परीक्षा करा सकता है तो इस आयोग को क्यों दिक्कत आ रही है.



उप्र लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने बताया, "आयोग का दिशानिर्देश है कि सरकारी शिक्षण संस्थान को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए और केंद्र मुख्यालय से 10 किलोमीटर के दायरे में हो. इससे पहले जब पेपर लीक हुआ था तो इन्हीं छात्रों ने मांग उठाई थी कि निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र ना बनाया जाए."



उन्होंने कहा, "जब सरकार ने छात्रों की मांग पर विचार करते हुए दिशानिर्देश बनाए तो अब ये छात्र विरोध कर रहे हैं. पीसीएस परीक्षा के लिए 5,76,000 परीक्षार्थियों का रजिस्ट्रेशन है, जबकि सभी 75 जनपदों में 4,35,000 परीक्षार्थियों के लिए ही केंद्र मिल पा रहे हैं. ऐसे में दो दिन परीक्षा कराना मजबूरी है." आयोग ने सोमवार की रात एक बयान जारी कर कहा था, "परीक्षाओं की शुचिता और छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केंद्रों पर कराई जा रही हैं, जहां किसी प्रकार की गड़बड़ियों की कोई संभावना नहीं है. पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आयी हैं, जिसे खत्म करने के लिए इन केंद्रों को हटाया गया है."



लोक सेवा आयोग के गेट के सामने धरने पर बैठे छात्रों के हाथों में अलग अलग नारे लिखी तख्तियां थीं जिसमें किसी में लिखा था "बटेंगे नहीं, हटेंगे नहीं, न्याय मिलने तक एक रहेंगे", तो किसी में लिखा था, "एक दिन, एक परीक्षा". आयोग ने पिछले मंगलवार को इन परीक्षाओं की तारीख की घोषणा की. जहां पीसीएस प्री की परीक्षा के लिए सात और आठ दिसंबर की तारीख घोषित की गई है, वहीं समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ..एआरओ) प्री की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तारीख घोषित की गई.


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