IAS Trainee Pooja Khedkar Controversy: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को भारत के ही नहीं, बल्कि दुनिया के टफ कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स में से एक माना जाता है. इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए उम्मीदवार सालों मेहनत करते है. यूपीएससी की तैयारी में अपना दिन-रात एक कर देते हैं. इन युवाओं का एक ही लक्ष्य होता है कि अपनी मेहनत और लगन के दम पर बस सफलता मिल जाए, लेकिन यूपीएससी सीएसई क्वालिफाई इस ट्रेनी आईएएस की खबरों ने सबको हैरत में डाल दिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हम बात कर रहे हैं पूजा खेडकर की जो इन दिनों अपनी डिमांड्स के चलते विवादों में चल रही हैं. जब लगातार पूजा के बारे में जानकारी सामने आ रही है तो लोग भी यह सोचने पर मजबूर है कि आखिर कोई उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा जैसी परीक्षा में सिलेक्ट होने के लिए कैसे इतनी झोलझाल कर सकता है.


इतनी इनकम है तो कैसे बना सर्टिफिकेट? 
पूजा ओबीसी कैटेगरी से आईएएस ऑफिसर बनी हैं. पूजा खेडकर के पास पुणे जिले में चार और अहमदनगर जिले में तीन जगहों पर स्थित जमीन की कुल कीमत 1,93,00,000 रुपये है. इससे पूजा को 42 लाख रुपये की आय हो रही है. पिता की आय 40 करोड़ रुपये है. ऐसे में सबके मन में बड़ा सवाल यह है कि जिस कैंडिडेट के परिवार की इतनी आय है, वह ओबीसी कैटेगरी में कैसे आ सकती है और कैटेगरी में छूट पाने के लिए जरूरी 8 लाख रुपये की लिमिट वाली इनकम सर्टिफिकेट कैसे बन गया? सबसे हैरानी की बात तो यह है कि अब तक उन्होंने कई बार मेडिकल एग्जाम छोड़े हैं. ऐसे में लोगों को एक बात यह भी परेशान किए जा रही है कि फिर पूजा ने आईएएस के लिए कैसे क्वालिफाई किया? 


वाशिम में हुआ ट्रांसपर
कई शिकायतों और पद के दुरुपयोग के आरोपों के बाद महाराष्ट्र सरकार ने पुणे में तैनात ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को वाशिम ट्रांसफर कर दिया है. ट्रांसफर ऑर्डर के मुताबिक 2023 बैच की आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर प्रोबेशन का बचा हुआ समय वाशिम जिले में सुपर न्यूमररी असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर बिताएंगी.


कम रैंक के बावजूद पूजा कैसे बन गईं IAS
पूजा पूर्व सिविल सर्वेंट दिलीप खेडकर की बेटी हैं. उनके नाना भी आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. पूजा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 821वीं रैंक के साथ क्वालिफाई की थी. जानकारी जुटाने पर पता चला कि उस साल ओबीसी कैटेगरी से आईएएस कैडर पर अपॉइंट होने वाले कैंडिडेट की रैंक 434 थी. इसके हिसाब से पूजा की रैंक काफी पीछे थी फिर उन्हें आईएएस कैडर कैसे मिला, तो बता दें कि क्योंकि उन्होंने कई तरह की दिव्यांगता का दावा किया था. 


ये भी पढ़ें- कौन हैं पूजा खेडकर? 6 बार झूठ बोलकर बनीं आईएस! ऑडी पर लाल बत्ती, गाड़ी का VIP नंबर से हुआ खुलासा और फिर...


पहली बार 2019 में दी थी यूपीएससी की परीक्षा
2019 में पूजा खेडेकर ने जनरल कैंडिडेट के तौर पर यूपीएससी परीक्षा दी थी. उन्होंने एग्जाम तो निकाल लिया, लेकिन कम नंबर आने के कारण उन्हें आईएएस कैडर नहीं मिल पाई. इसके बाद 2022 में यूपीएससी को शारीरिक रूप से अक्षम होने का दावा करते हुए सर्टिफिकेट सौंपा, जबकि 2019 में ऐसा कोई दावा नहीं किया गया था.


यूपीएससी परीक्षा देने वाले बेंचमार्क विकलांग उम्मीदवारों के लिए एक अलग कैटेगरी है, जिसमें शारीरिक विकलांगता की एक सीमा है. इसके 1, 2, 3, 4 और 5 प्रकार निर्धारित किए गए. पूजा ने दावा किया कि इनमें से सबसे कम विकलांगता टाइप पांच की है, जिसके कारण कम रैंक होने के बावजूद उन्हें आईएएस कैडर मिला. जानकारी के मुताबिक पूजा ने मानसिक रूप से बीमार होने की बात भी स्वीकार की है.