IAS Priyamvada Ashok Mhadalkar: यूपीएससी क्रैक कर आईएएस और आईपीएस जैसे प्रतिष्ठित सरकारी ओहदे को पाने की ख्वाहिश तो करोड़ों भारतीय युवाओं की होती हैं. हालांकि, अथक मेहनत करने के बावजूद महज कुछ सैकड़ों युवा ही इस मुकाम तक पहुंच पाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी हाईएस्ट पेइंग जॉब को ठुकराने के बाद यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का सफर तय किया और सफलता हासिल की. आइए जानते हैं आईएएस प्रियंवदा अशोक म्हदलकर की सफलता की कहानी... 


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बचपन का सपना था कलेक्टर बनना
प्रियंवदा अशोक म्हदलकर महाराष्ट्र के रत्नागिरी की रहने वाली हैं. उन्होंने बीटेक की पढ़ाई करने के बाद आईआईएम बैंगलोर से एमबीए की डिग्री हासिल की. मास्टर्स के बाद 6 साल तक उन्होंने इनवेस्टमेंट बैंकर के तौर पर काम किया, लेकिन मन के किसी कोने में अब भी बचपन का सपना सांस ले रहा था. यह सपना था बड़े होकर एक दिन आईएएस ऑफिसर बनने का, अपने बचपन के सपने को हकीकत में बदलने के लिए प्रियंवदा ने अपनी हाई पेइंग जॉब से रिजाइन कर दिया. 


प्रियंवदा ने वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट, मुंबई से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की है. आईआईएम बैंगलोर से एमबीए करने के बाद उन्हें एक इनवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म में जॉब मिल गई. इस तरह फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर में प्रियंवदा ने 6 साल तक अलग-अलग कंपनियों में अपनी सेवाएं दी. 


सपना साकार करने की धुन सवार
प्रियंवदा ने इनवेस्टमेंट बैंकर की नोकरी छोड़कर साल 2020 में यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. उन्हें सिविल सर्विस में जाने की प्रेरणा अपने पिता से मिली. 5 साल की छोटी सी उम्र में ही उन्होंने कलेक्टर बनने का सपना देख लिया था, लेकिन उन्हें इंजीनियरिंग और एमबीए करना पड़ा. इस तरह कॉर्पोरेट सेक्टर में वर्षों तक काम करने के बाद उन्होंने 31 साल की उम्र में यूपीएससी पास किया. अपने दूसरे अटैम्प्ट में साल 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में 13वीं रैंक लाकर वह आईएएस अफसर बन गईं. 


ऐसे करें यूपीएससी की तैयारी
यूपीएससी मेन्स में प्रियंवदा ने ऑप्शनल सब्जेक्ट सोशियोलॉजी लिया था. उनके मुताबिक यूपीएससी क्लियर करने के लिए टाइम टेबल बनाना और उसे फॉलो करना सबसे जरूरी है. इसके अलावा वह यूपीएससी की तैयारी के लिए खुद से नोट्स बनाने पर भी जोर देती हैं, जिन्हें अपने आसान शब्दों में तैयार करना चाहिए, ताकि उस सब्जेक्ट को समझना और लंबे समय तक याद रखा जा सके.


प्रियंवदा ने दिए तैयारी के ये खास टिप्स
प्रियंवदा के मुताबिक पढ़े हुए सब्जेक्ट को लिखने की प्रैक्टिस करने से अपने कॉन्सेप्ट क्लियर हो जाता है. 
नोट्स खुद बनाए जाएं तो बाद में रिवीजन करने में काफी मदद मिलती है. 
उनके मुताबिक मॉक टेस्ट देने से बहुत फायदा मिलता है, इससे अच्छी तरह से आंसर तैयार करने में हेल्प होती है और आपका आत्मविश्वास बढ़ता है. 
यूपीएससी एस्पिरेंट्स खुद को मोटिवेट और पॉजिटिव रखने की भी सलाह देते हुए कहती हैं कि यह सफर लंबा और बहुत मुश्किल है, ऐसे में धैर्य बनाए रखना जरूरी है.


सबसे बड़ा चैलेंज था सामने
प्रियंवदा को लंबे समय तक बैठकर पढ़ाई करना. प्रियंवदा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह रोजाना 9- 10 घंटे पढ़ती थीं. सिविल सेवा ऐसी परीक्षा में न्यूज और करंट अफेयर्स पर फोकस करने के लिए निरंतरता और रूटीन होना जरूरी है. एमबीए के बाद छह साल लंबे अंतराल के बाद पढ़ाई वाले मोड में लौटना उनके लिए आसान नहीं था. उनके मुताबिक, "एक बार जब आप जॉब करने लगते हैं तो की-बोर्ड पर टाइप करने और डिजिटल मोड के इतने आदी हो जाते हैं कि अचानक घंटों बैठकर पेन-पेपर मोड में परीक्षा देना बेहद चैलेंजिंग होता है."