UDID Card Online: सरकार ने दिव्यांगों के अधिकार (आरपीडब्ल्यूडी) नियमों में नए संशोधन लागू किए हैं, जिसका उद्देश्य दिव्यांगता सर्टिफिकेट और विशिष्ट दिव्यांगता पहचान (यूडीआईडी) कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाना है. नए नियमों के तहत, निर्दिष्ट दिव्यांगता वाले व्यक्ति यूडीआईडी पोर्टल के माध्यम से दिव्यांगता प्रमाण पत्र और यूडीआईडी ​कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें अपने जिला मेडिकल ऑफिसर या उन मेडिकल सुविधाओं में आवेदन पेश करना होगा जहां उनका इलाज किया जा रहा है.


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किस कलर का क्या मतलब?
संशोधनों में कलर कोडेड यूडीआईडी ​कार्ड भी पेश किए गए हैं, जो दिव्यांगता के अलग अलग लेवल को दर्शाते हैं: 40 प्रतिशत से कम दिव्यांगता वालों के लिए सफेद, 40-79 प्रतिशत दिव्यांगता वालों के लिए पीला तथा 80 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वालों के लिए नीला रंग है.


इसके अलावा, नए नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि चिकित्सा प्राधिकारी इसके पता चलने के तीन महीने के भीतर दिव्यांगता प्रमाण पत्र और यूडीआईडी कार्ड जारी करेंगे. यदि कोई आवेदन दो साल से ज्यादा समय तक अनिर्णीत रहता है, मतलब उसपर कोई फैसला नहीं लिया जाता है तो उसे निष्क्रिय माना जाएगा और आवेदकों को फिर से आवेदन करना होगा. अपरिवर्तनीय दिव्यांगता से पीड़ित लोगों के लिए स्थायी प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे, जबकि समय-सीमित प्रमाण पत्र उन लोगों को दिए जाएंगे जिनकी स्थिति में सुधार हो सकता है.


यूडीआईडी कार्ड (यूनिक आईडी फॉर पर्सन विद डिसेबिलिटी) के कई फायदे हैं.


  • दिव्यांगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में मदद मिलती है.

  • यह कार्ड दिव्यांगों की पहचान के लिए एक मात्र डॉक्यूमेंट है.

  • दिव्यांगों को अपने अधिकारों का दावा करने में मदद मिलती है.

  • यह कार्ड दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने और उन्हें समान अवसर देने में मदद करता है.

  • यह कार्ड दिव्यांगों को वित्तीय सहायता, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, और रोजगार जैसी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करता है.

  • इस कार्ड में दिव्यांग व्यक्ति की विकलांगता का प्रकार और लेवल की जानकारी होती है.

  • इस जानकारी का इस्तेमाल सार्वजनिक जगहों और परिवहन को दिव्यांगों के लिए और सुलभ बनाया जा सकता है.


इनपुट एजेंसी से


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